पर्यायवाची शब्द – synonym words
पर्यायवाची अंग्रेजी के ‘Synonym’ शब्द का समानार्थी है। शब्द किसी भी भाषा की समृद्धि हेतु आवश्यक होते हैं। जिस सत्य में पर्यायवाची शब्द जितने ही अधिक होंगे, वह साहित्य उही समृद्धिशाली होगा। अर्थ की दृष्टि से शब्दों के अनेक रूप हैं: समान अर्थ रखने | वाले शब्द को समानार्थी या ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते हैं। ‘पर्यायवाची शब्द’ को ‘प्रतिशब्द’ भी कहा जाता है। हिन्दी के ‘पर्यायवाची शब्द’ संस्कृत के तत्सम शब्द हैं, जिन्हें हिन्दी भाषा ने ‘ज्यों-का-त्यों’ ग्रहण कर लिया है। शब्दों में अर्थ की समानता होते हुए भी इनके प्रयोग एक जैसे नहीं होते, क्योंकि आग जलाने की जगह पर वायसखा या धूमकेतु जलाना नहीं कहा जाता।
यदि पर्यायवाची को उसकी मूल उत्पत्ति से जोड़कर समझ लिया जाए, तो भूलने की समस्या समाप्त हो जाएगी। प्रश्न उठता है। कि मूल उत्पत्ति से कैसे जोड़ा जाए? इसे पंकज शब्द के उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है। पंकज मूल रूप में ‘कमल’ के अर्थ वाला नहीं है; क्योंकि पंक= कीचड़ और ज = उत्पन्न या पैदा होना होता है। इस प्रकार कीचड़ से घोंघा, शैवाल, केकड़ा, जलबिच्छू, जोंक, जंगली घासें आदि भी उत्पन्न हो सकती हैं और इन सबकी उत्पत्ति जल से भी हो सकती है, परन्तु कीचड़ से उत्पन्न होने वाली वनस्पति कमल के अर्थ में रूढ़ हो गई है। इस प्रकार सरोवर से उत्पन्न (सरोज), सरोवर द्वारा सृजित (सरसिज), नीर द्वारा उत्पन्न (नीरज), जल द्वारा उत्पन्न (जलज), सरोवर की आत्मा (सरोधा कमल के पर्यायवाची माने गए है, अगर हम इसी प्रकार सभी मौलिक उत्पत्ति पर विचार करें, तो पर्यायवाची कोश को अच्छी समझ सकते हैं।
इसी प्रकार एक शब्द का पर्यायवाची याद कर लेने से दू शब्द का पर्यायवाची बनाया जा सकता है। जैसे यदि ‘जल’ पर्यायवाची में ‘द’ जोड़ दिया जाय तो ‘बादल’ का पर्यायवाची बन जायेगा तथा ‘जल’ के पर्यायवाची में ‘घि’ जोड़ देने पर ‘समुद्र’ का पर्यायवाची बन जायेगा।
पर्यायवाची शब्द मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं :
- वे शब्द जो वाक्य में दूसरे शब्दों के स्थान पर रखे जाएं और उनके अर्थ में कोई अन्तर न पड़े, उन्हें ‘पूर्ण पर्याय’ कहा ज है।
- जब कोई शब्द एक ही कार्य विशेष के लिए प्रयुक्त होता है और प्रसंग का समानार्थी शब्द दूसरे प्रसंग में असमान अर्थ का बो स्पष्ट कराता है, तो वे ‘पूर्णापूर्ण पर्याय’ कहलाते हैं; जैसे- खान खाने के स्थान पर खाना निगलना ।
- जब किसी शब्द के बदले दूसरे शब्द का प्रयोग हो और अर्थ का अनर्थ हो जाए वहाँ ‘अपूर्ण पर्याय’ होता है; जैसे- ‘कमर टूटना’ के स्थान पर ‘कटिभंग होना ।
इस प्रकार पर्यायवाची को हम व्यापक रूप से समझ सकते हैं। इस खण्ड के अन्तर्गत हम यहाँ महत्वपूर्ण सामग्री का संकलन प्रस्तुत कर रहे हैं, जो प्रतियोगियों के लिए ज्ञानवर्द्धक होने के साथ लाभप्रद भी है।
अमृत- अमिय, सुधा, मधु, सोम, अमी, पीयूष, जीवनोदक, सुरभोग
अरण्य– विपिन, अटवी, कानन, वन, जंगल, कांतार
अनुपम– अनोखा, अपूर्व, अद्भुत, अनूठा, अतुल, अद्वितीय, अनन्य
अश्व- बाजि, हय, घोटक, सैंधव, तुरंग, रविपुत्र, घोड़ा
असुर- दानव, दनुज, निशाचर, राक्षस, रजनीचर, निशिचर, देवारि
अग्नि- आग, वह्नि, पावक, अनल, धूमकेतु, कृशानु, दहन
अतिथि- पाहुन, मेहमान, आगंतुक पाहुना, अभ्यागत
अचल- शैल, नग, गिरि, महीधर, पर्वत, स्थिर, दृढ़, भूधर, मेरु, तुंग
अप्सरा- सुरबाला, देवांगना, दिव्यांगना, सुरसुन्दरी, देवबाला
अपमान- अवमान, अनादर, बेइज्जती, तिरस्कार, उपेक्षा, निरादर
अर्जुन- पार्थ, गुडाकेश, गांडीवधारी, धनंजय, कौन्तेय, सव्यसाची
अधिकार- शक्ति, सामर्थ्य, क्षमता, दावा, हक, स्वत्व
अंगूठी- मुद्रिका, गुंदरी, मुद्रा. अंगुलिका
अज्ञानी- मूर्ख, मूढ़, अनजान, अनभिज्ञ
अमर- अमर्त्य, नित्य, अनश्वर, अक्षय
अधर- ओंठ ओष्ठ, दन्तच्छद, रदनच्छद
अदृश्य- लुप्त, गायब, तिरोहित, अन्तर्धान, अस्त
अनिवार्य- आवश्यक, जरूरी, अपरिहार्य, बाध्यकर
असभ्य- बर्बर, गँवार, अशिष्ट, दुःशील
अन्वेषण- गवेषण, खोज, जाँच, शोध, अनुसन्धान
अचला- पृथ्वी, क्षिति, धरा, वसुन्धरा, वसुधा, धरती, उर्वी, अवनि मेदिनी
अक्षर- मोक्ष, वर्ण, शिव, ब्रह्म
अधर्म- पाप, अपराध, अकर्तव्य, दोष
आडम्बर- प्रपंच, ढकोसला, स्वांग, दिखावा, ढोंग
आँख- दृग, लोचन, नेत्र, दृष्टि, नयन, अक्षि, चक्षु, अम्बक, विलोचन
आप- रसाल, सहकार, अमृतफल, पिकवल्लभ, आम्र, पियम्बु पिकप्रिय
आपति- आपदा, विपदा, मुसीबत, विपत्ति
आनन्द- प्रसन्नता, मोद, प्रमोद, हर्ष उल्लास, आहलाद
आकाशगंगा- मंदाकिनी, सुरनदी, नभगंगा, स्वर्गनदी
आयुष्मान्- चिरायु शतायु दीर्घायु, दीर्घजीवी, चिरंजीवी
आज्ञा- अनुमति, स्वीकृति, मंजूरी, सहमति, इजाजत
आदि- प्रथम, आरम्भिक, पहला, शुरू का, प्रारम्भिक
आहार- भोजन, खाना, खाद्य वस्तु, भोज्य सामग्री
आकाश- अम्बर, व्योम, गगन, नभ, अनन्त, शून्य, अंतरिक्ष
आलोचना- समीक्षा, टीका, समालोचना, टिप्पणी
आदित्य- दिनकर, दिवाकर, सूर्य, प्रभाकर, भास्कर, रवि,
आभूषण- भूषण, आभरण, अलंकार, जेवर,
आंगन- प्रांगण, अजिर, बगर, आंगना गहना भानु
इन्द्रधनुष- शक्रचाप, सुरधनु, सप्तवर्ण, इन्द्रायुध
इच्छा– अभिलाषा, आकांक्षा, कामना, लालसा, उत्कण्ठा
ईख- गन्ना, रसडण्ड, रसाल, पैंड़ी, रसद
ईर्ष्या- जलन, कुदन, द्वेष, डाह
इन्द्रपुरी- देवलोक, अमरावती, इन्द्रलोक, देवेन्द्रपुरी, सुरपुर
इन्द्राणी- शचि, पुलोमजा, पौलोमी इन्द्रवधू, मधवानी, इन्द्रा
इन्द्र- सुरपति, शचिपति, मधवा, शक्र, पुरन्दर, देवराज, अमरपति
ईमानदारी- सत्यनिष्ठा, सदाशयता, निष्कपटता, निश्छलता
ईश्वर- परमेश्वर, ईश, जगदीश, जगन्नाथ, प्रभु, त्रिलोकीनाथ
उत्तम- श्रेष्ठ, बढ़िया, उत्कृष्ट, प्रशस्त
उपेक्षा- अनासक्ति, लापरवाही, विराग, विरक्ति, उदासीनता
उत्सव- मंगलकार्य, त्यौहार, पर्व, समारोह
उत्कण्ठा- आतुरता, उत्सुकता, लालसा, प्रबलेच्छा
उत्कर्ष- उत्थान, उन्नति, अभ्युदय, आरोह, उत्क्रमण,
उत्पत्ति- जन्म, उद्गम, उद्भव, आविर्भाव
एकता- ऐक्य, एकरूपता, एकसूत्रता, अभिन्नता, अभेद
ऐश्वर्य- ऋद्धि, सम्पन्नता, वैभव, श्री, सम्पदा,
ओज- पराक्रम, बल, जोर, ताकत
ओस- तुषार, तुहिनकण, हिमकण, हिमबिन्दु
कुबेर- धनद, किन्नरदेव, धनपति, यक्षराज
कपड़ा- वस्त्र, पट, चीर, अम्बर, वसन, परिधान
कारागार- बंदीगृह, जेल, कारावास, कैदखाना
किरण- अंशु, रश्मि, कर, मरीचि, मयूख
कोकिल- पिक, कोयल, वनप्रिया, मदनश्लाका
कबूतर- कपोत, रक्तलोचन, पारावत, हारीत, परेवा
कंचन- सोना, स्वर्ण, कनक, हेम, सुवर्ण
कमल- जलज, पंकज, अम्बुज, सरोज, नलिन, अरविन्द, सरसिज, राजीव, पद्म, पुण्डरीक
कल्पद्रुम- देववृक्ष, पारिजात, देवद्रुम, कल्पवृक्ष
कामदेव- मन्मथ, मदन, मनोज, अनंग, रतिपति, पंचशर, प्रद्युम्न, कुसुमशर, मनसिज, मकरध्वज, कन्दर्प
क्रोध- अमर्ष, रोष, आक्रोश, कोप, तैश
कुत्ता- श्वान, श्वा कुक्कुर, शुनक सारमेय
कृष्ण- श्याम, मुरलीधर, गिरिधर, बंशीधर, मधुसूदन, मुकुन्द, गोपीना वासुदेव, केशव, कन्हैया, माधव, राधारमण, हृषीकेश
कृतज्ञ- ऋणी, आभारी, अनुगृहीत, उपकृत कृतार्थ
कन्या- बालिका, तनया, दुहिता, किशोरी, बाला, गौरी, बेटी
कार्तिकय- षडानन, स्कन्द कुमार
कर- हाथ, हस्त, पाणि, बाँह, भुज
कटु- तीक्ष्ण, तीखा, कड़ा, परुष, कर्कश
कृत्रिम- दिखावटी, बनावटी, नकली, अवास्तविक
कपट- धोखा, छल, फरेब, झाँसा
कामुकता- लम्पटता, व्यभिचारिता, विषयासक्ति, भोगासक्ति
किनारा- तीर, कूल, छोर, तट, पुलिन, सिरा
खल- शठ, धूर्त, कुटिल, नीच, दुर्जन, अधम
खग- विहग, पक्षी, द्विज, चिड़िया, शकुन्त, पखेरू
गज- हस्ति, कुन्जर, गयन्द, करी, मतंग, वितुण्ड, हाथी
गरुड़ – खगेश, पन्नगारि, उरगारि, हरियान, सुपर्ण, नागान्तक, वैनतेय
गृह- घर, सदन, भवन, मन्दिर, धाम, निकेतन, आलय, निलय
गाय- सुरभि, गौरी, भद्रा, दौग्धी, गो, धेनु
गर्दभ- वैशाखनन्दन, रासभ, धूसर, गधा, गदहा, चक्रीवान्
गरीब- निर्धन, दरिद्र, अकिंचन, दीन, कंगाल, रंक, धनहीन
गणेश- गजानन, गणपति, लम्बोदर, विनायक, गजबदन, हेरम्ब, विघ्नविनाशक, भवानीनन्दन गिरिजानन्दन, गौरीसुत, लम्बतुण्ड
चन्द्रमा- सुधाकर, शशांक, राकापति, रजनीपति, निशानाथ, सुधांशु, निशापति, शशि, विधु, इन्दु, मृगांक, कलानिधि
चमक- ज्योति, प्रभा, द्युति, कान्ति, शोभा, छवि, आभा, प्रकाश
चतुर- निपुण, प्रवीण, पटु, कुशल, सयाना, नागर
चांदनी- कौमुदी, ज्योत्स्ना, चन्द्रिका
चन्दन- हरिगन्ध, दिव्यगन्ध, मलयज, गन्धसार
जल- अम्बु, वारि, नीर, उदक, तोय, सलिल
जानकी- सीता, वैदेही, जनकसुता, जनक तनया, जनकात्मजा
जगत- विश्व, संसार, भव, जग, लोक, दुनिया, भुवन, मृत्युलोक
जमुना- सूर्यतनया, सूर्यसुता, कालिंदी यमुना, रवितनया, रविनन्दिनी
जुगनू- खद्योत, पटबीजना, पट, प्रभाकीट जीम-जिह्ना, रसना, रसज्ञा
जीव- प्राणी, जीवधारी जीवनधारी जीवन
झरना- प्रपात, निर्झर, स्रोत, उत्स, जलप्रपात, प्रसवण
झोपड़ी- कुटी, कुटिया, पर्णकुटी, कुंज, मड़हा, छानी
टीका- व्याख्या, वृत्ति, भाषान्तरण, विवृत्ति
ठग- वंचक, प्रतारक, अड़ीमार, प्रवंचक, जालसाज
ठगी- प्रतारणा, वंचना, फरेब
ढिठाई- धृष्टता, बेशर्मी, अशिष्टता, गुस्ताखी, अविनय
तम- अन्धकार, तिमिर, ध्वान्त, अंधेरा, तमिस्रा
तालाब- सर, जलाशय, तड़ाग, पुष्कर, हृद, सरोवर, कासार, पोखर
तरुणी- युवती, मनोज्ञा, सुन्दरी, प्रमदा, रमणी
तिरस्कार- उपेक्षा, अपमान, निरादर, बेइज्जती, अवमानना
तानाशाह- अधिनायक, निरंकुश, शासक,डिक्टेटर
तोता- शुक, कीर, सुआ, सुग्गा
तरु- वृक्ष, विटप, पेड़, पादप, द्रुम
तलवार- कृपाण, खड्ग, चन्द्रहास, असि करवाल, शमशीर
तादात्म्य- सारूप्य, तद्रूपता, अनन्यता, एकात्म्य
थकान- श्रान्ति, क्लान्ति, थकन, थकावट
थोड़ा- परिमित, रंचमात्र, अल्प, किंचित, कुछ
थल- पृथ्वी, धरती, जमीन, धरा, भूतल भूमि
दास- अनुचर, सेवक, भृत्य, किंकर, परिचारक
दीपक- चिराग, दीया, दीप, प्रदीप, गृहमणि
दुःख- पीड़ा, कष्ट, क्लेश, यातना, व्यथा, उद्वेग, विषाद, वेदना
दिनांक- तारीख, तिथि, मिती
दामिनी- चपला, तड़ित, प्रभा, विद्युत, बिजली, क्षणप्रभा
दासी- अनुचरी, सेविका, किंकरी, परिचारिका, भृत्या
दुर्गा- सिंहवाहिनी, चण्डिका, भवानी, कल्याणी, धात्री, अभया
द्रौपदी- द्रुपदसुता, पांचाली, याज्ञसेनी, कृष्णा
दूध- पय, क्षीर, दुग्ध, पीयूष, अमृत दीपावली दीपमाला, दीपोत्सव, दीवाली, दीपमालिका
दर्पण- शीशा, प्रतिमान, मुकुर, आदर्श, आईना, आरसी
दिन- दिवा दिवस, वासर, अहन, वार
दाँत- रद, रदन, द्विज, दशन, दन्त
देवता– आदित्य, अमर्त्य, गीर्वाण, देव, अमर, सुर, विबुध, निर्जर
द्वेष- शत्रुता, बैर, दुश्मनी, विरोध
धन- द्रव्य, दौलत, पैसा, माल, सम्पदा, वित्त
धनुष– शरासन, कोदण्ड, चाप, धनु, कमान, पिनाक
धूप- आतप द्योत, घाम
धन्यवाद- आभार, कृतज्ञता, शुक्रिया
नमक- लवण, रामरस, लोन, नोन
नियति- प्रारब्ध, भवितव्यता, भाग्य, भावी होनी
नाव- तरिणी, नौका, डोंगी, नैया, जलयान, तरी
नरक- यमालय, जहन्नुम, दोज़ख, यमलोक, यमपुरी
नित्य- शाश्वत, सदैव, अविनाशी, अनश्वर
नदी- सरिता, निर्झरिणी, तरंगिनी, तरंगवती, तटिनी, अपगा
निर्धन- अकिंचन, कंगाल, दरिद्र
नुकीला- सूच्यग्र, तीक्ष्णाग्र, कटान
नैसर्गिक— प्राकृतिक, स्वाभाविक, वास्तविक
पत्थर- पाषाण, पाहन, शिला, प्रस्तर, उपल
पण्डित- सुधी, विद्वान, कोविद, बुध, धीर, मनीषी, विलक्षण
पत्नी- भार्या दारा, सहगामिनी, कलत्र, वधू, प्राणप्रिया, अर्धांगिनी
पताका- झण्डा, ध्वजा, ध्वज, निशान, केतन
पवन- वायु, समीर, अनिल, हवा, मारुत, प्रभंजन
पत्ता- पल्लव, पर्ण, दल, पत्र, किसलय
पटु- प्रवीण, दक्ष, निपुण, कुशल, होशियार
पुत्र- बेटा, तनुज, सुत, आत्मज, तनय
परतन्त्र – पराधीन, परवश, पराश्रित, गुलाम, अधीन
पार्वती – गिरिजा, शैलसुता, अम्बिका भवानी, गौरी, उमा
पिता – तात, जनक, जनयिता, बाप, पितृ
परिवर्तन – हेर-फेर बदलाव, तब्दील
पान – ताम्बूल, नागबेल, मुखमण्डन, बालदल
पुत्री – तनया, आत्मजा, दुहिता, सुता, बेटी
प्रगति- विकास, उन्नति, श्रीवृद्धि, तरक्की प्रकाश-प्रभा द्युति, दीप्ति, आलोक
प्रार्थना- याचना, अर्ज, आराधना, विनय, निवेदन
प्रख्यात- प्रसिद्ध, विख्यात, मशहूर, यशस्वी, विश्रुत, नामी
प्रिया- प्रेयसी, प्यारी, वल्लभा, प्रियतमा, प्रेमिका
प्रेम- स्नेह, अनुराग, ममता, दुलार, प्रीति
प्रसन्नता- आह्लाद, प्रफुल्लता, हर्ष
प्रभात- ऊषाकाल, अरुणोदय, प्रातः
फूल- पुष्प, कुसुम, पुहुप, सुमन, प्रसून
बंदर- कपि, मर्कट, वानर, कपीश, शाखामृग
बादल– मेघ, जलधर, वारिद, नीरद, वारिधर, अम्बुद, घराघर, जीमूत, जगजीवन
बलराम- बलबीर, हलायुध, हली, रेवतीरमण, हलधर
बलिदान- आत्मोत्सर्ग, प्राणोत्सर्ग, प्राणाहुति