CONJUNCTION (संयोजक)

Conjunction को हिंदी में ‘संयोजक’ कहते हैं। Conjunction द्वारा वाक्यों को आपस में जोड़ा जाता है। यहां हम Conjunctions के प्रयोग की चर्चा करेंगे।

RULE 1: Correlatives

अंग्रेजी के कुछ Conjunctions ऐसे हैं जो सदैव युग्म (Pair) बनाकर प्रयुक्त किए जाते हैं। इन्हें Correlative Conjunction ते है ये निम्नवत हैं-

either or, neither-nor, both–and, not only- —–but also, as much as, as well ——as, though——yet, no sooner—than, hardly / scarcely——when / before. उपर्युक्त Correlative सदैव जोड़े के साथ रहते हैं, अर्थात ‘either’के साथ ‘or’ का प्रयोग होगा, ‘neither’ के साथ ‘nor’ का तथा hardly/scarcely के साथ ‘when’ या ‘before’ का प्रयोग होगा; जैसे-

उपर्युक्त सभी वाक्य शुद्ध हैं क्योंकि प्रत्येक में सही Correlative का प्रयोग हुआ है। यदि हम उपर्युक्त में से दूसरे वाक्य को इस प्रकार लिखें- Neither you or I want to go तो यह वाक्य अशुद्ध होगा क्योंकि यहां ‘Neither’ के साथ ‘or’ का प्रयोग किया गया है। ‘Neither’ के साथ सदैव ‘nor’ का प्रयोग होना चाहिए।

RULE 2: Position of Correlatives

Correlatives का प्रयोग करते समय वाक्य में इनके स्थान (Position) का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इनमें से एक भाग जिस Parts of Speech के पहले प्रयुक्त होगा दूसरा भाग भी उसी Parts of Speech के पहले प्रयुक्त होगा; जैसे Neither ——nor में Neither यदि Noun के पहले प्रयुक्त होगा तो Nor भी Noun के ही पहले प्रयुक्त होगा।

उदाहरण:

उपरोक्त वाक्य में ‘neither Pronoun (he) के पूर्व प्रयुक्त हुआ है तो ‘nor’ भी Pronoun (she) के पूर्व प्रयुक्त हुआ है।

दूसरा वाक्य लें-

यह वाक्य अशुद्ध है क्योंकि इस वाक्य में Neither nor का प्रथम भाग Neither Verb (saw) के पहले प्रयुक्त हुआ है जबकि दूसरा भाग ‘nor’ Pronoun (she) के पहले प्रयुक्त  हुआ है। उदाहरण :

यह वाक्य अशुद्ध है क्योंकि यहां Correlative ‘not only b also’ का एक भाग not only Verb (gave) के पहले प्रयुक्त हुआ है जबकि दूसरा भाग but also Article (a) के पूर्व प्रयुक्त हुआ है। वाक्य को थोड़े परिवर्तन के साथ निम्नलिखित रूप से शुद्ध बनाया जा सकता है-

RULE 3: Either, Either-or, Neither, Neither-nor

‘Either ‘ एवं ‘Neither’ स्वतंत्र रूप में Pronoun या Adjective की तरह प्रयुक्त होते हैं परंतु जब इनके साथ ‘or’ या ‘nor’ जुड़ ज है तब ये Conjunction बन जाते है। Pronoun या Adje रूप में प्रयुक्त होने पर Either’ या ‘Neither’ केवल दो व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त होते हैं। Pronoun या Adjective के रूप में Either का अर्थ होता है- ‘one of the two’ तथा Neither का होता है None of the two Conjunction के रूप में प्रयुक्त पर Either~~~~or या Neither nor द्वारा दो से अधिक Now Pronoun/Adjective/Verb को भी जोड़ा जा सकता है जैसे 

उपर्युक्त वाक्यों में ‘Neither’- -nor-nor तथा ‘Either or—-or’ द्वारा दो से अधिक noun / pronoun को जोड़ा गया है और ये वाक्य शुद्ध हैं।

RULE 4: No, Not, Never as Conjunction

No, Not, Never के द्वारा यदि कोई वाक्य जोड़ा जाता हैइनके बाद दूसरे जोड़े के रूप में ‘or’ का प्रयोग किया जाता है ‘का नहीं; जैसे-

RULE 5-

‘Other’ एवं ‘Rather’ के साथ सदैव ‘than’ का प्रयोग होत है ‘to’ या ‘but’ का नहीं; जैसे-

RULE 6:

As/Just as/Like

इनमें से प्रत्येक का अर्थ होता है ‘जैसे’ या ‘समान’ परंतु अंतर यह है कि ‘As’ तथा ‘Justas’ के साथ Objective Case का किया जाता है जैसे-

‘Just as’ का प्रयोग Past Tense के साथ किया जाता है

यदि As वाक्य में Transitive Verb या Preposition का हो तो ‘As’ के बाद आने वाला Noun या Pronoun सदैव Ohiective Case में रहता है; जैसे- Sam loves her as much as me.

RULE 7: However एवं But

Jowever’ एवं ‘But’ दोनों का ही अर्थ होता है ‘लेकिन’, परंतु – शक्य में दोनों का एक साथ प्रयोग नहीं होना चाहिए।

RULE 8: Until एवं Unless

Until का अर्थ होता है “जब तक कि नहीं” यह समय का बोध है तथा ‘Unless’ का अर्थ होता है “यदि नहीं” इससे शर्त ation का बोध होता है। ये दोनों ही Negative Sense का कराते है अतः इनके साथ ‘Not’ का प्रयोग नहीं करना चाहिए:

उपरोक्त में प्रथम व द्वितीय वाक्य शुद्ध है क्योंकि समय का बोध कराने के लिए ‘until का तथा शर्त का बोध कराने के लिये ‘unless’ का प्रयोग किया गया है। तृतीय एवं चतुर्थ वाक्य अशुद्ध हैं। क्योंकि ‘unless’ एवं ‘until’ के साथ ‘do not’ का प्रयोग किया गया है जिससे वाक्य में Double Negative का दोष आ गया है।

RULE 9: Or/Or else

Conjunction के रूप में ‘or’ का अर्थ होता है ‘नहीं तो’ ‘or else’ का प्रयोग नहीं तो पर विशेष जोर देने के लिए किया जाता है; जैसे-

RULE 10: As if/ As though

इन दोनों से कल्पना का बोध होता है तथा अर्थ होता है- “मानो।” इनके साथ सदैव Past Tense का प्रयोग होता है Future या Present का नहीं।

उपरोक्त वाक्यों में as if as though का प्रयोग शुद्ध है।

Note: ‘As if या ‘As though’ के साथ Future या Present Tense का प्रयोग शुद्ध माना जा सकता है जब कल्पना की मात्रा अत्यंत कम हो जैसे-

RULE 11: That के प्रयोग

That का प्रयोग सदैव Indirect Narration में होता है; जैसे-

उपरोक्त वाक्यों में प्रथम वाक्य के साथ ‘That’ का प्रयोग शुद्ध है क्योंकि यह Indirect Narration में है। दूसरा वाक्य अशुद्ध है। That Imperative/Interrogative/Exclamatory Sentence का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

‘That’ के बाद आने वाला Pronoun Direct Indirect के नियमों के आधार पर होता है।

Believe / Presume / Suppose/Hope Think के बाद ‘that’ का प्रयोग नहीं किया जाता है। इनके साथ Thar’ छिपा रहता है। जैसे-

RULE 12:

Conjunction of Supposition Though, although, even if, however, whatever, for all इत्यादि ऐसे Conjunctions है जिनका अर्थ होता है यद्यपि या तथापि” “May’ से भी यद्यपि का बोध होता है और इसके साथ “bur का प्रयोग किया जाता है। ‘Though’ के साथ सदैव ‘yer’ का प्रयोग किया जाता है। ‘Yet’ के स्थान पर सिर्फ (;) से भी काम चलाया जा सकता है; जैसे-

RULE 13 : Conjunction of Condition

If unless, in case, provided, provided that, supposing that इत्यादि Conjunctions से कार्य होने की शर्त का बोध होता है। ऐसे वाक्यों में Principal Clause में Future Tense आता है। तथा शर्त बताने वाला Clause Present Simple Tense में आता है; जैसे-

RULE 14: As clause and its position

यदि दो Clause में बंटे हुए वाक्य में एक Clause ‘As’ से शुरू होता हो तो ‘As’ से शुरू होने वाला Clause वाक्य के प्रारंभ में रखना चाहिए तथा दूसरा Clause वाक्य में बाद में रखना चाहिए; जैसे-

RULE 15: Conjunction of Time

निम्न Conjunctions से समय (Time) का बोध होता है-

When, while, as, as soon as, before, after, till, until, since

Principal Clause Future Tense में रहने पर भी उपरोक्त Conjunctions से प्रारंभ होना वाला Clause Present Simple या Present Perfect Tense में होता है। ‘After’ के बाद केवल Present Perfect Tense का ही प्रयोग होता है; जैसे-

When While-

‘When’ का अर्थ होता है ‘जब’ और ‘While’ का अर्थ होता है ‘जब तक’ ‘When’ का प्रयोग तब होता है जब एक कार्य समाप्त होने पर दूसरा कार्य प्रारंभ होता है, एवं ‘While’ का प्रयोग तब होता है जब दो कार्य एक साथ जारी रहते हैं; जैसे-

Since – Conjunction के रूप में प्रयुक्त होने पर ‘since’ से दो प्रकार के अर्थ निकलते हैं-

(1)कारण (Cause)- इस रूप में ‘since’ का अर्थ होता है ‘क्योंकि’ (because) जैसे-

(2) समय (Time)- इस रूप में ‘since’ का अर्थ होता है ‘जब से’ (from the time when) या उस समय से इस अर्थ में since का प्रयोग करते समय निम्न नियमों का ध्यान रखना चाहिए-

(i) Principal Clause में Present Perfect Tense का प्रयोग करना चाहिए।

(ii) Principal Clause में समय सूचक शब्द का प्रयोग करना चाहिए जिससे Period of Time का बोध हो।

(iii) Since Clause में Past Simple Tense का प्रयोग करना चाहिए;

जैसे-

It से शुरू होने वाले ‘clause’ में ‘since’ का प्रयोग इस प्रकार होता है-

यहां पर is के बदले was/ has been का प्रयोग अशुद्ध होगा।

INTERJECTIONS (विस्मयादिबोधक अव्यय)

Interjections (विस्मयादिबोधक अव्यय) कुछ ऐसी ध्वनियां हैं जो मानसिक संवेग को व्यक्त करने के लिए वाक्य के बीच में या कभी-कभी पूरे वाक्य के स्थान पर रख दी जाती हैं। इन ध्वनियों का वाक्य के अन्य शब्दों से कोई संबंध नहीं रहता है। इन ध्वनियों के साथ विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) लगा रहता है।

उदाहरण:

विभिन्न मानसिक संवेगों को व्यक्त करने के लिए भिन्न ध्वनिया हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

Joy (हर्ष)-Hurrah!, Huzza!, Ha! Ha!

Grief) ( दु:ख)-Oh! Oh!, Alas!, Alack!

Attention (ध्यान)- Lo!, Hark!, Hush!, Hist!

Rebuke Doubt (संदेह को डाँटना) – Fie! Fie!

किसी को आवाज देने के लिए Ho! halloo !

संका T-Hum!, Hem!, Hump

Hatred (you)-Tut! Tut!, Pooh!, Pish!, Tush!, Bosh! कुछ शब्द-समूह भी Interjection की भांति प्रयुक्त होते हैं.

जैसे – For same!, Welcome!, Well done!, Good-bye! Farewell!, bad Luck!, Do it!