महत्त्वपूर्ण गवर्नर-जनरल और वायसराय की महत्त्वपूर्ण घटनाओं की समयरेखा

1800 दशक से स्वतंत्रता प्राप्ति तक के महत्त्वपूर्ण गवर्नर-जनरल और वायसराय से जुड़ी महत्त्वपूर्ण घटनाए –

1. लॉर्ड वेलेजली (1798-1805):
  • प्रत्यारक संधि व्यवस्था का प्रस्तावना।
  • तीसरा अंग्ल-मराठा युद्ध, जिसने बसेन की संधि को जन्म दिया।
  • कोलकाता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना, प्रशासनिक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए।
2. लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-1823):
  • 1813 का चार्टर अधिनियम, जो ईसाई मिशनरीज़ को अनुमति देता है और कंपनी की व्यापारिक एकाधिकारिता को समाप्त करता है।
  • तीसरे अंग्ल-मराठा युद्ध के बाद मराठा क्षेत्रों का अधिग्रहण।
  • पिंडारी युद्ध, पिंडारी दलों के हमलों का अंत करता है।
3. लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835):
  • 1829 में सती प्रथा का निरस्तीकरण।
  • वुड्स डिस्पैच (1854) के माध्यम से अंग्रेजी शिक्षा का प्रस्तावना।
  • कानूनी प्रक्रियाओं को सुधारने के लिए भारतीय कानून आयोग का गठन।
4. लॉर्ड डलहौजी (1848-1856):
  • लैप्स की नीति का प्रस्तावना, जो सतारा, नागपुर, झाँसी और अवध का अधिग्रहण करती है।
  • पहली भारतीय रेलवे और टेलीग्राफ नेटवर्क का निर्माण।
  • 1857 की क्रांति, जिसे भारतीय स्वार्थ कहा जाता है, उनके कार्यकाल में शुरू होती है।
5. लॉर्ड कैनिंग (1856-1862):
  • 1857 की सिपाही म्यूटिनी, जो ब्रिटिश-भारतीय संबंधों में एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन की गहरी चिह्निति है।
  • 1858 में प्रथम इंग्लैंड कंपनी से ब्रिटिश ताज़ा दिया जाता है।
  • 1861 का भारतीय परिषद अधिनियम, जो विधायक परिषदों का सृजन करता है।

भारत के वायसराय:

लॉर्ड कर्जन (1899-1905):

  • 1905 में बंगाल का विभाजन, जिससे व्यापक प्रदर्शन और स्वदेशी आंदोलन होता है।
  • 1904 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का स्थापना।
  • प्रशासन और सैन्य में सुधार, जैसे कि भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम (1904) और भारतीय पुलिस अधिनियम (1902)।

लॉर्ड चेल्म्सफ़र्ड (1916-1921):

  • 1919 की मोंटेग्यू-चेल्म्सफ़र्ड सुधार, प्रांतों की स्वायत्तता की अवधारणा लाने के लिए।
  • 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड, जो व्यापक निंदा और जनसाधारणा का कारण बनता है।
  • रोलेट एक्ट और बाद में गांधी द्वारा ना-सहयोग आंदोलन।

लॉर्ड इरविन (1926-1931):

  • 1927 में नियुक्त साइमन आयोग, जिसके कारण इसके सभी ब्रिटिश संयोजकों के खिलाफ प्रदर्शन होता है।
  • 1930 में गांधी का सॉल्ट सत्याग्रह, नमक कर के विरोध में।
  • 1930 में लंदन में पहला राउंड टेबल सम्मेलन, जो भारत के भविष्य के संविधान पर चर्चा करने के लिए हुआ।

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