- जैन धर्म के मूल संस्थापक(original founder) या प्रवर्तक प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव(Rishabhdev) या आदिनाथ माने जाते हैं।
- पार्श्वनाथ जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर थे, जिनका जन्म वाराणसी में महावीर स्वामी से 250 वर्ष पहले 850 ई. पू. में हुआ था।
- महावीर स्वामी (Mahavir Swami) का जन्म कुंडग्राम या कुंडलपुर में (वैशाली के निकट) लगभग 599 ई. पू. में हुआ था।
- महावीर की माता त्रिशला वैशाली के लिच्छवि गणराज्य(Licchavi Republic) के प्रमुख चेटक की बहन थीं तथा पिता सिद्धार्थ ज्ञातृक क्षत्रियों के संघ के प्रधान थे, उनके बड़े भाई नंदिवर्धन थे।
- भगवान महावीर की पत्नी का नाम यशोदा था, उनसे प्रियदर्शना (Priyadarshana) नामक एक पुत्री उत्पन्न हुई।-.प्रियदर्शना का विवाह जमालि नाम के क्षत्रिय से हुआ था, , जो बाद में महावीर स्वामी का अनुयायी बन गया।
- जमालि उनका प्रथम शिष्य था ।
प्रमुख जैन तीर्थकर और उनके प्रतीक चिह्न
जैन तीर्थंकर के नाम | प्रतीक चिह्न |
ऋषभदेव (पहले) Rishabhdev (first) | बैल (Bull) |
अजितनाथ (दूसरे) Ajitnath (second) | हाथी Elephant |
अरिष्टनेमि (बाइसवें) Arishtanemi (twenty-second) | शंख Shell |
पार्श्वनाथ (तेइसवें) Parshvanath (twenty-third) | सर्प Snake |
महावीर (चौबीसवें) Mahavir (twenty-fourth) | सिंह Lion |
- प्रभासगिरि उ. प्र. के कौशाम्बी में स्थित जैन तीर्थस्थल है।
- कौशाम्बी का प्रभासगिरि स्थल छठवें जैन तीर्थंकर पद्मप्रभु से संबंधित है।
- जैन धर्म में पूर्ण ज्ञान’ के लिए कैवल्य शब्द का प्रयोग किया गया है।
- महावीर स्वामी को 12 वर्षों की कठोर तपस्या तथा साधना के।
जैन संगीतियां
संगीति | वर्ष | स्थल | अध्यक्ष |
प्रथम | 310 ईसा पूर्व छठीं शताब्दी | पाटलिपुत्र | स्थूल भद्र |
द्वितीय | छठीं शताब्दी | वल्लभी (गुजरात) | क्षमाश्रवण |
- ‘चौदह पूव्वो (पूर्वी)’ प्राचीनतम जैन ग्रंथ है।
- 12 अंगों में जैन सिद्धांतों का संकलन प्रथम जैन सभा में गया था।
- प्रायः सभी प्रारंभिक धार्मिक जैन साहित्य प्राकृत की वि शाखा अर्धमागधी में लिखा गया है।
- छ आचारांगसूत्र, सूत्रकृतांग और बृहत्कल्पसूत्र आरंभिक साहित्य का भाग हैं।
- चंद्रगुप्त 1 मौर्य के शासनकाल में पाटलिपुत्र में प्रथम जैन सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें श्वेताम्बर आगम (Shwetambar Agama) का संपादन किया गया।
- ‘अशोक तथा उसके पौत्र दशरथ के समय में बराबर तथा नागार्जुनी पहाड़ियों को काटकर आजीवकों के लिए आवास बनाए गए थे।
- अशोक के समय बराबर पहाड़ी की गुफाओं में ‘सुदामा की गुफा‘ तथा ‘कर्ण चौपड़‘(In the caves of the hill ‘Sudama’s cave’ and ‘Karna Chaupar’) नामक गुफा सर्वप्रसिद्ध हैं। श्रवणबेलगोला कर्नाटक राज्य में स्थित है।
- श्रवणबेलगोला में गंग शासक रचमल्ल के शासनकाल में चामुंडराय नामक मंत्री ने लगभग 981 ई. में बाहुबली (गोमट) की विशालकाय जैन मूर्ति (Giant Jain Statue) का निर्माण कराया।
- बाहुबली प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषमदेव के पुत्र माने जाते हैं। महामस्तकामिषेक, जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जो 12 वर्ष के अंतराल पर कर्नाटक राज्य के श्रवणबेलगोला (Shravanabelagola, Karnataka state) में आयोजित किया जाता है।
सोलह महाजनपद एवं राजधानियां
महाजनपद | राजधानियां |
अंग | चंपा |
मगध | गिरिब्रज / राजगृह |
काशी | वाराणसी |
वत्स | कौशाम्बी |
वज्जि | वैशाली |
कोसल | साकेत तथा श्रावस्ती |
अवन्ति | उज्जैन / महिष्मती |
मल्ल | कुशीनगर और पावा |
पांचाल | अहिच्छत्र तथा काम्पिल्य |
चेदि | सोत्थवती |
कुरु | इंद्रप्रस्थ |
मत्स्य | रविराटनग |
कम्बोज | हाटक/राजापुर |
शूरसेन | मथुरा |
अश्मक | पोटिल / पोतन |
गंधार | तक्षशिला |
प्रमुख भारतीय विद्वान एवं उनके संरक्षक
कवि / विद्वान | संरक्षक/शासक |
हरिषेण | समुद्रगुप्त |
कौटिल्य (चाणक्य) | चंद्रगुप्त मौर्य |
अश्वघोष | कनिष्क |
नागार्जुन | कनिष्क |
चरक | कनिष्क |
बाणभट्ट | हर्षवर्धन |
चंदबरदाई | पृथ्वीराज चौहान |
चंद्रगुप्त विक्रमादित्य | कालिदास |