ब्रिटिश राज का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव (Socio-economic impact of the British Raj)

ब्रिटिश राज का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव

  • 1781 ई. में वॉरेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) ने कलकत्ता में मदरस की स्थापन (Establishment of Madrasa in kolkatta)की थी  प्रथम प्रमुख (नाजिन) मोलवी पुईजउदीन्न थे
  • इस मदरसे में फारसी,अरबी (Persian, Arabic) और मुस्लिम कानून (muslim law) पढ़ाया जाता था।
  • 1791 ई. में बनारस के ब्रिटिश रेजिडेंट जोनाथन डंकन (jonathan duncan) के प्रयत्नों के फलस्वरूप बनारस में एक (प्रथम) संस्कृत कॉलेज खोला गया।
  • पेरिस की रॉयल एशियाटिक सोसाइटी की सदस्यता माइकल मधुसूदन दत्त (Michael Madhusudan Dutt) को प्रदान की गई थी।
  • वॉरेन हेस्टिंग्स के काल में चार्ल्स विल्किंस ने भगवद्गीता’(Bhagavad Gita) का प्रथम आंग्ल अनुवाद किया, जिसकी प्रस्तावना स्वयं वॉरेन हेस्टिंग्स ने लिखी।
  • सर विलियम जोंस (sir william jones)वॉरेन हेस्टिंग्स के समय कलकत्ता उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए।
  • विलियम जोंस की प्रेरणा पर 1784 ई. में एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना(In 1784 AD the Asiatic Society was established.) हुई एवं ये स्वयं इसके सभापति नियुक्त हुए।
  • राष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में सर्वप्रथम 8 नवंबर, 1905 को रंगपुर नेशनल स्कूल'(Rangpur National School’)की स्थापना हुई।
  • 15 अगस्त, 1906 को सदगुरु दास बनर्जी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा परिषद'(‘National Education Council’) की स्थापना की गई।
  • सैडलर आयोग (saddler commission) शिक्षा से संबंधित था।
  • डॉ. एम. ई. सैडलर, जो लीड्स विश्वविद्यालय के उपकुलपति थे,इसके अध्यक्ष(chairman)नियुक्त किए गए। सैडलर आयोग के सदस्य दो भारतीय,डॉ. आशुतोष मुखर्जी और डॉ. जियाउद्दीन अहमद भी थे।
  • मैकाले ने भारत में शिक्षा हेतु अंग्रेजी भाषा का समर्थन (english language support) किया था।
  • भारत के औपनिवेशिक काल में अधोमुखी निस्यंदन सिद्धांत'(‘Downward Filtration Principle’) (The theory of downward filtration) शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित था।
  • भारत में आधुनिक शिक्षा प्रणाली की नींव(Foundation of modern education system) 1835 के मैकाले के स्मरण-पत्र (Minute) से पड़ी।
  • मैकाले ने भारतीय रीति-रिवाजों के लिए अपना तिरस्कार इन शब्दों में व्यक्त किया-यूरोप के एक अच्छे पुस्तकालय की एक आलमारी का एक कक्ष, भारत और अरब के समस्त साहित्य से अधिक मूल्यवान है।'(One room in a cupboard of a good library of Europe is more valuable than all the literature of India and Arabia.’)
  • गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम के वेंडिश बेंटिक (Governor General Lord William Wendish Bentinck)(1828-35 ई.) के शासनकाल में 7 मार्च, 1835 ई. को लॉर्ड मैकाले के प्रस्ताव को स्वीकृत कर भारत में अंग्रेजी को उच्च शिक्षा का माध्यम मान लिया गया।
  • भारत में अंग्रेजी शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहे जाने वाले 1854 के चार्ल्स वुड के डिस्पैच(Charles Wood’s Dispatches of 1854) को आधार बनाकर लंदन विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश भारत में तीन विश्वविद्यालय कलकत्ता, मद्रास एवं बंबई की स्थापना 1857 ई. में की गई थी।
  • डी. के. कर्वे (D.K. curve) के प्रयत्नों से बंबई में प्रथम महिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
  • ये महाराष्ट्र के समाज सुधारक(social reformer)एवं सामाजिक कार्यकर्ता(Social Worker) थे।
  • डी.के. कर्वे ने विधवाओं के उत्थान के लिए विधवा विवाह प्रतिबंध निवारक मंडली'(‘Widow Marriage Ban Prevention Group’) की भी स्थापना की थी।
  • 1896 ई. में डी.के. कर्वे ने पूना में विधवा गृह की स्थापना (Establishment of Widow Home in Poona) की थी।
  • डेक्कन एजुकेशनल सोसाइटी की स्थापना 1880 ई. (Deccan Educational Society was established in 1880.) में मूलतः ‘न्यू इंग्लिश स्कूल’ के प्रारंभ के साथ पुणे में की गई थी तथा 1884 ई. में डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी औपचारिक रूप से गठित की गई।
  • 1817 ई. में राजा राममोहन राय ने डेविड हेयर एवं एलेक्जेंडर डफ के साथ मिलकर कलकत्ता में प्रसिद्ध हिंदू कॉलेज की स्थापना (Establishment of Hindu College) की थी।
  • मेयो कॉलेज की स्थापना (Establishment of Mayo College)1875 ई. में अजमेर में मुस्लिम ऐग्लो ओरियंटल कॉलेज की स्थापना 1875 ई. में अलीगढ़ में हुई थी।
  • भारत का पहला समाचार पत्र बंगाल गजट'(‘Bengal Gazette’) था।
  • 1780 ई. में जे.के. हिक्की (J.K. hickey) ने ‘बंगाल गजट’ नामक समाचार- पत्र प्रकाशित करना आरंभ किया था।
  • लॉर्ड वेलेजली (Lord Wellesley) ने 1799 ई. में सभी समाचार-पत्रों पर सेंसर बैठा दिया तथा समाचार-पत्रों का पत्रेक्षण अधिनियम पारित किया।
  • लॉर्ड रिपन ने 1882 ई. में वर्नाकुलर प्रेस एक्ट अथवा देशी भाषा प्रेस अधिनियम को रद्द (Vernacular Press Act or Vernacular Press Act repealed) कर दिया और भारतीय भाषाओं के समाचार-पत्रों को अंग्रेजी भाषा के समाचार-पत्रों के समान ही स्वतंत्रता दे दी।
  • पत्रकारिता के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा सजा पाने वाले पहले भारतीय बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) थे।
  • उत्तरी अमेरिका महाद्वीप (वैंकूवर) में फ्री हिंदुस्तान’ (‘Free India’) अखबार तारकनाथ दास ने शुरू किया।
  • इंडियन मिरर'(‘Indian Mirror’) अखबार का प्रकाशन कलकत्ता (बंगाल) से होता था।
  • ‘इंडियन मिरर’ की स्थापना (1861 ) का श्रेय देवेंद्रनाथ टैगोर तथा मनमोहन घोष(Devendranath Tagore and Manmohan Ghosh) को है।
  • अमृत बाजार पत्रिका'(‘Amrit Bazar Patrika’) की स्थापना शिशिर कुमार घोष ने 1868 ई. में कलकत्ता में की।
  • गिरीशचंद्र घोष ने बंगाली'(‘Bengali) का प्रकाशन 1862 ई. में शुरू किया, जिसे 1879 ई. में एस. एन. बनर्जी ने ले लिया।
  • प्रारंभ में केसरी'(keshri)के संपादक आगरकर थे।
  • बाद में ‘केसरी’ और ‘मराठा’ पत्रों का संपादन तिलक (tilak) द्वारा किया गया।
  • बांग्ला साप्ताहिक सोम प्रकाश’ (Som Prakash) समाचार पत्र का प्रकाशन 1858 ई. में ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने प्रारंभ किया था।
  • फ्री प्रेस जनरल’(‘Free Press General’) एक जूस एजेंसी थी

महत्वपूर्ण संगठन (Important organizations)

संगठनसंस्थापकवर्ष
आत्मीय सभाराजा राममोहन राय1815
ब्रह्म समाजराजा राममोहन राय1828
तत्त्वबोधिनी सभादेवेंद्रनाथ टैगोर1839
प्रार्थना समाजडॉ. आत्माराम पांडुरंग1867
आर्य समाजस्वामी दयानंद सरस्वती1875
थियोसॉफिकल – सोसाइटीएच. पी. ब्लावत्सकी कर्नल अलकॉट1875
रामकृष्ण मिशनस्वामी विवेकानंद1897
सत्यशोधक समाजज्योतिबा फुले1873
फारवर्ड ब्लॉकसुभाषचंद्र बोस1939
स्वराज्य पार्टीमोतीलाल नेहरू1923
होमरूल लीगएनी बेसेंट व तिलक1916
आदि ब्रह्मसमाजदेवेंद्रनाथ टैगोर1866
भारत संघसुरेंद्रनाथ बनर्जी1876
मुस्लिम लीगआगा खां एवं सलीम उल्लाह खां1906
खिलाफत आंदोलनअली बंधु1919
  • वर्ष 1931 में दरभंगा के महाराज कामेश्वर सिंह ने दि इंडियन नेशनल(‘The Indian National’) की स्थापना की। इसका प्रकाशन पटना से होता था।
  • स्वदेशवाहिनी(‘Swadeshwahini’)अथवा स्वदेशाभिमानी(‘patriotic’) के संपादक रामकृष्णपिल्लै थे|
  • गांधीजी ने साप्ताहिक समाचार-पत्रों के रूप में हरिजन(‘Harijan’) अंग्रेजी में, हरिजन बंधु‘ ‘Harijan Bandhu’ गुजराती में तथा हरिजन सेवक(‘Harijan servant’) हिंदी में प्रारंभ किए थे।
  • अबुल कलाम आजाद ने वर्ष 1912 में उर्दू साप्ताहिक अल-हिलाल (al-hilal) का प्रकाशन प्रारंभ किया था।
  • कौमी आवाज(‘National Voice’) नामक उर्दू अखबार का प्रकाशन वर्ष 1945 जवाहरलाल नेहरू तथा रफी अहमद किदवई द्वारा लखनऊ से प्रारंभ किया गया था।
  • रास्त गोफ्तार(‘Rast Goftar’)नामक पत्र दादाभाई नौरोजी से संबंधित है।
  • भारत के लिए स्वशासन की मांग करते हुए मोतीलाल नेहरू इंडिपेंडेंट(‘Independent’) नामक समाचार-पत्र निकाला था।
  • कॉमनवील(‘Commonwealth’)मद्रास से प्रकाशित अंग्रेजी पत्र था, जिसकी संपादिक एनी बेसेंट थीं।
  • राजा राममोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का पिता भारतीय राष्ट्रवाद का पैगंबर‘, ‘अतीत और भविष्य के मह सेतु‘, ‘भारतीय राष्ट्रवाद का जनक‘, ‘आधुनिक भारत पिता‘, ‘ प्रथम आधुनिक पुरुषतथा युगदूत (‘Father of Indian Renaissance’, ‘Prophet of Indian Nationalism’, ‘Great Bridge of the Past and Future’, ‘Father of Indian Nationalism’, ‘Father of Modern India’, ‘First Modern Man’ and ‘Messenger of the Age’) कहा गया। हिंदू धर्म के एकेश्वरवादी मत का प्रचार करने के लिए 1815 ई में राजा राममोहन राय ने अपने युवा समर्थकों के सहयोग आत्मीय सभा(‘Intimate gathering’) की स्थापना की।
  • राजा राममोहन राय ने 1828 ई. में ब्रह्म सभा(‘Brahma Sabha’)के नाम से एक नए समाज की स्थापना की जिसे आगे चलकर ब्रहा समाज(‘Brahma Samaj’)के नाम से जाना गया।
  • देवेंद्रनाथ टैगोर ने राजा राममोहन के विचारों के प्रसार के लिए 1839 ई. में तत्त्वबोधिनी सभा (‘Tattvabodhini Sabha’)की स्थापना की।
  • मुगल बादशाह अकबर द्वितीय (II) ने राममोहन राय को राजा (Raja)की उपाधि के साथ अपने दूत के रूप में 1830 ई. में तत्कालीन ब्रिटिश सम्राट विलियम चतुर्थ के दरबार में भेजा था।
  • इंग्लैंड के ब्रिस्टल (bristol) में ही 27 सितंबर, 1833 को राजा राममोहन राय की मृत्यु हो गई जहां उनकी समाधि स्थापित है।
  • शारदामणि मुखोपाध्याय जिन्हें शारदा देवी (Sharda Devi) के नाम से जाना जाता है, का विवाह 23 वर्षीय रामकृष्ण परमहंस से 5 वर्ष की उम्र में 1859 ई. में हुआ था।
  • मूलशंकर (स्वामी दयानंद) Moolshankar (Swami Dayanand) का जन्म 1824 ई. में गुजरात की मोरबी रियासत (कठियावाड़ क्षेत्र) के एक ब्राह्मण कुल में हुआ था।
  • दयानंद सरस्वती (मूलशंकर) ने अप्रैल, 1875 में बंबई में आर्य समाज (Arya Samaj) की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य प्राचीन वैदिक धर्म की शुद्ध रूप से पुनः स्थापना करना था।
  • 1877 ई. में आर्य समाज का मुख्यालय लाहौर (Lahore) में स्थापित किया गया।
  • शुद्ध वैदिक परंपरा में विश्वास के चलते स्वामी जी ने पुनः वेदों की ओर चलो‘ (‘Go back to the Vedas’) का नारा दिया।
  • सर्वप्रथम स्वामी दयानंद सरस्वती ने स्वराज्य‘(‘Swarajya’) शब्द का प्रयोग किया और हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया।
  • प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई.(Prarthana Samaj was established in 1867.) में बंबई में आचार्य केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से आत्माराम पांडुरंग द्वारा की गई थी।
  • 1873 ई. में सत्यशोधक समाज की स्थापना (Establishment of Satyashodhak Samaj) ज्योतिबा फुले ने की थी।
  • राधास्वामी सत्संग आंदोलन (Radhasoami Satsang Movement) की स्थापना 1861 ई. में आगरा के एक महाजन या बैंकर तुलसीराम, जो शिवदयाल साहब या स्वामी जी महाराज के नाम से लोकप्रिय थे, ने की। महाराष्ट्र के समाज सुधारक गोपाल हरि देशमुख (1823-92 ई.) लोकहितवादी‘ (philanthropist’) के रूप में प्रख्यात थे।
  • महाराष्ट्र में विधवा पुनर्विवाह (widow remarriage) हेतु प्रथम अभियान का नेतृत्व विष्णु परशुराम शास्त्री पंडित ने किया।
  • 1891 ई. का सम्मति आयु अधिनियम‘ (Age of Consent Act of 1891) बहरामजी मालाबारी के प्रयासों से पारित हुआ था।
  • 1856 ई. के हिंदू विधवा पुनर्विवाह कानून (Hindu Widow Remarriage Act of 1856 AD) (हिंदू विडो रिमैरिज एक्ट) द्वारा विधवाओं के पुनर्विवाह को कानून संगत बनाया गया।
  • सती निषेध रेगुलेशन (Sati Prohibition Regulation) लॉर्ड विलियम बेंटिक के समय 1829 ई. में बनाया गया था
  • ईश्वरचंद्र विद्यासागर के न्याओं के फलस्वरूप 26 जुलाई, 1856 में हिंदू विधवा पुनःविवाह (Hindu widow remarriage in 1856) नियम पारित हुआ।
  • लॉर्ड एलनबरो (Lord Ellenborough) के काल में 1843 के एक्ट V ने गुलामी (दासता ) को गैर-कानूनी बना दिया।
  • केशवचंद्र सेन ने 1872 ई. के नेटिव मैरिज एक्ट (Native Marriage Act of 1872 AD) को पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • नेटिव मैरिज एक्ट से लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 14 वर्ष तथा लड़कों के लिए न्यूनतम 18 वर्ष निर्धारित (The minimum age of marriage for girls is set at 14 years and for boys at 18 years.) की गई थी। इसे ब्रह्म विवाह अधिनियम (Brahmo Marriage Act) भी कहा जाता है।
  • शारदा अधिनियम (Saradha Act) के द्वारा लड़कियों के विवाह की न्यूनतम सीमा 14 वर्ष एवं लड़कों की 18 वर्ष निर्धारित की गई।
  • थियोसॉफिकल सोसाइटी(Theosophical Society’)की स्थापना एक रूसी महिला मैडम एच. पी. ब्लावेट्स्की, अमेरिकी सैनिक अधिकारी कर्नल अल्कॉट, विलियम क्वॉन जज एवं अन्य द्वारा 1875 ई. में न्यूयॉर्क में की गई थी।
  • इस सोसाइटी के संस्थापकों ने 1882 ई. में मद्रास के पास अड्यार (Adyar) नामक स्थान पर सोसाइटी का मुख्यालय स्थापित किया जो बाद में इसका अंतरराष्ट्रीय कार्यालय बना।
  • रानाडे के शिष्य गोपाल कृष्ण गोखले ने वर्ष 1905 में सर्वेट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी(‘Servants of India Society’) की स्थापना की।
  • गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale)ने कांग्रेस के इक्कीसवें अधिवेशन (जो वर्ष 1905 में बनारस में हुआ था) की अध्यक्षता की थी।
  • गोखले महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के राजनीतिक गुरु (political guru) थे।
  • प्रशासनिक सुधार के अंतर्गत हेस्टिंग्स ने सर्वप्रथम 1772 ई. में ‘कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स’ के आदेशानुसार, बंगाल में द्वैध शासन की समाप्ति की घोषणा (Announcement of end of dual rule in Bengal) की और सरकारी खजाने का स्थानांतरण मुर्शिदाबाद से कलकत्ता कर दिया।
  • वॉरेन हेस्टिंग्स (warren hastings) को 1774 ई. में बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया।
  • 1833 ई. के चार्टर एक्ट के द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल (governor general of india) बना दिया गया।
  • 1833 ई. में लॉर्ड विलियम बेंटिक को भारत का प्रथम गवर्नर जनरल (first governor general) बनाया गया।
  • 15 जनवरी, 1784 में एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना के समय बंगाल के गवर्नर जनरल लॉर्ड वॉरेन हेस्टिंग्स (lord warren hastings) (1774- 1785 ई.) थे।
  • सुरक्षा प्रकोष्ठया घेरे की नीति (‘Security cell’ or cordon policy) से वॉरेन हेस्टिंग्स तथा वेलेजली संबंधित थे।
  • भारत में न्यायिक संगठन की स्थापना (establishment of judicial organization) लॉर्ड कार्नवालिस ने की थी।
  • कार्नवालिस ने कानून की विशिष्टता(‘Specificity of law’) का नियम, जो इससे पूर्व नहीं था, भारत में लागू किया।
  • कार्नवालिस को भारतीय नागरिक सेवा का जनक कहा जाता है।  
  • लॉर्ड कार्नवालिस ने अपने न्यायिक सुधारों को 1793 ई. त अंतिम रूप देकर उन्हें कार्नवालिस संहिता (‘Cornwallis Code’) के रूप में प्रस्तुतकिया।
  • कलकत्ता, मुर्शिदाबाद, ढाका तथा पटना में 4 प्रांतीय न्यायालयों की स्थापना की गई।
  • यह सुधार प्रसिद्ध सिद्धांत शक्तियों के पृथक्करण(‘separation of powers’) पर आधारित था।
  • लॉर्ड कार्नवालिस (lord cornwallis)1786-1793 ई. एवं 30 जुलाई, 1805 से 5 अक्टूबर, 1805 तक बंगाल का गवर्नर जनरल रहा।
  • लॉर्ड कार्नवालिस (lord cornwallis) की मृत्यु 5 अक्टूबर, 1805 को गाजीपुर (उ.प्र.) में हुई थी। यहीं पर इसकी कब्र स्थित है।
  • बसीन की संधि(‘Treaty of Bassein’)दिसंबर, 1802 ई. में पेशवा बाजीराव द्वितीय और अंग्रेजों के मध्य हुई थी।
  • लॉर्ड वेलेजली की सहायक संधि (subsidiary alliance) को स्वीकार करने वाला पहला मराठा सरदार पेशवा बाजीराव II था।
  • लॉर्ड वेलेजली द्वारा विशिष्ट रूप से प्रवर्तित सहायक संधि (subsidiary alliance) को स्वीकार करने वाले राज्य थे- हैदराबाद (1798 तथा 1800 ई.),मैसूर (1799 ई.), तंजौर (अक्टूबर,1799), अवध (नवंबर, 1801),पेशवा (दिसंबर, 1802), बरार के भोंसले (दिसंबर, 1803) सिंधिया (फरवरी, 1804), जोधपुर, जयपुर, मच्छेरी, बूंदी तथा भरतपुर।
  • आंग्ल-नेपाल युद्ध (1814-16 ई.) (Anglo-Nepal War (1814-16 AD)लॉर्ड हेस्टिंग्स के गवर्नर जनरल काल (1813-23 ई.) में हुआ था, जो कि संगोली की संधि (Treaty of Sangolli) से समाप्त हुआ था।
  • 1789 ई. की घोषणा द्वारा बंगाल से दासों का निर्यात बंद (export of slaves stopped) कर दिया गया।
  • 1843 ई. में पूरे ब्रिटिश भारत में दासता को अवैध (outlaw slavery) घोषित करदिया गया।