वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax)
परिचय
- 101वां संविधान संशोधन अधिनियम भारतीय अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल, मितव्ययी, कुशल एवं व्यावहारिक बनाने हेतु वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का प्रावधान करता है।
- 1 जुलाई, 2017 से पूरे देश में वस्तु एवं सेवा कर प्रभावी हो गया है।
- जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है, जिसने अपने पूर्ववर्ती अधिकांश अप्रत्यक्ष करों को प्रतिस्थापित कर एकल कर संरचना (अप्रत्यक्ष कर के संदर्भ में) को स्थापित किया है।
- जीएसटी पूरे देश में एकसमान दर से लागू होने के कारण संपूर्ण भारत को एकीकृत साझा बाजार बनाने, स्वस्थ प्रतिस्पर्धाओं को बढ़ावा देने तथा उपभोक्ता एवं उत्पादकों के हितों का संरक्षण भी करता है।
- जीएसटी विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर एकल कर है।
- भारतीय संघीय ढांचे के दृष्टिगत जीएसटी के दो घटक हैं- केंद्रीय जीएसटी (CGST) तथा राज्य जीएसटी (SGST)
- किसी राज्य क्षेत्र में हुए लेन-देन पर केंद्र और राज्य दोनों एक साथ मूल्य श्रृंखला पर वस्तु एवं सेवा कर लगाते हैं।
- केंद्र सीजीएसटी लगाता और कर संग्रह करता है, जबकि राज्य एसजीएसटी लगाते और उसका संग्रहण करते हैं।
- इसके अतिरिक्त वस्तुओं एवं सेवाओं के अंतरराज्यीय व्यापार पर अनुच्छेद 269A (1) के तहत एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) लगाया जाता है।
- यह सीजीएसटी एवं एसजीएसटी के योग के बराबर होता है।
- इसे केंद्र लगाता एवं संग्रहीत करता है तथा यह केंद्र एवं राज्यों के मध्य वितरित कर दिया जाता है।
जीएसटी में शामिल कर
- केंद्रीय कर
(i) केंद्रीय उत्पाद शुल्क
(ii) अतिरिक्त उत्पाद शुल्क
(iii) सेवा कर
(iv) अतिरिक्त सीमा शुल्क ( काउंटरवेलिंग ड्यूटी)
(v) विशेष अतिरिक्त सीमा शुल्क
(vi) अधिभार एवं उपकर
- राज्य कर
(i) राज्य मूल्य संवर्धन कर (VAT) / बिक्री कर
(ii) मनोरंजन कर (स्थानीय निकायों द्वारा लागू करों को छोड़कर)
(ii) केंद्रीय बिक्री कर (केंद्र द्वारा आरोपित एवं राज्यों द्वारा संग्रहीत )
(iv) चुंगी और प्रवेश कर
(v) क्रय कर
(vi) विलासिता कर
(vii) लॉटरी, सट्टा एवं जुए पर कर
क्षतिपूर्ति
- 101 वें संविधान संशोधन अधिनियम की धारा 18 में जीएसटी के लागू होने के कारण राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के संदर्भ में प्रावधान किया गया है।
- इस प्रावधान के अनुसार, जीएसटी की वजह से हुए राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति राज्यों को केंद्र द्वारा 5 वर्ष तक की जाएगी।
- क्षतिपूर्ति हेतु आधार वर्ष 2015-16 है।
जीएसटी परिषद
- 101वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत संविधान में अनुच्छेद 279 A जोड़कर वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GSTC- Goods and Service Tax Council) के गठन का प्रावधान किया गया है।
- इस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति अधिनियम के लागू होने की तिथि से 60 दिनों के भीतर आदेश द्वारा वस्तु एवं सेवा कर परिषद का गठन करेंगे।
- इसी के अनुपालन में 12 सितंबर, 2016 को जीएसटी परिषद के गठन को अधिसूचित कर दिया गया है।
- इसका सचिवालय नई दिल्ली में है।
- जीएसटी परिषद को जीएसटी पर निर्णय लेने का सर्वाधिकार प्राप्त है।
संरचना
- अध्यक्ष-केंद्रीय वित्त मंत्री
- उपाध्यक्ष – सदस्यों में से ही कोई एक परिषद द्वारा विनिश्चित अवधि के लिए चुना जाएगा।
- सदस्य- (i) केंद्रीय राज्य मंत्री (राजस्व या वित्त प्रभार) (ii) राज्यों के वित्त या कर मंत्री या वे जिन्हें राज्य नामित करें।
- वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरें।
- वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं को पांच भागों में बांटकर अति अनिवार्य आवश्यकता की वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर की छूट दी गई है। शेष वस्तु एवं सेवा वर्गों हेतु 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 अक्रिया 28 प्रतिशत क लगाने का प्रावधान किया गया है ।
- जीएसटी के अंतर्गत 40 लाख रुपये (पहले 20 लाख रुपये तक का वार्षिक कारोबार करने वाले छोटे व्यापारियों को जीएसट के दायरे से बाहर रखा गया है।
- 40 लाख रुपये से अधिक तथा 1.5 करोड़ रुपये से कम क वार्षिक कारोबार करने वाले व्यापारियों / उद्यमियों हेतु कंपोजी स्कीम का प्रावधान है।
विविध
- आर्थिक संवृद्धि की माप के लिए प्रति व्यक्ति आय को ही लिए जाता है।
- सर्वप्रथम दादाभाई नौरोजी ने राष्ट्रीय आय का आकलन 1867-68 ई. में किया था।
- केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन (CSO) भारत के राष्ट्रीय आय गणना करता है।
- वर्ष 2017-18 में सकल घरेलू बचत GDP का 30.5% एवं जिसमें घरेलू क्षेत्र का योगदान 17.2%, निजी निगम क्षेत्र का 11.6% तथा सार्वजनिक क्षेत्र का 1.7% था।
- कुल GVA में कृषि तथा संबद्ध क्षेत्र, उद्योग तथा सेवा क्षेत्र क योगदान क्रमशः 16.1%, 29.6% तथा 54.3% है।
- प्रो. राजकृष्ण ने हिन्दू वृद्धि दर का प्रयोग किया था।
- जनांकिकीय संक्रमण की तीन चरणीय प्रमुख विशिष्टताएं होती है। प्रथम चरण में जन्म दर उच्च होने के साथ, मृत्यु दर भी बनी रहती है।
- द्वितीय चरण में जन्म दर उच्च होने के साथ, मृत्यु दर में कर्म आती है।
- तृतीय अवस्था में निम्न जन्म दर के साथ, निम्न मृत्यु दर क अवस्था आती है।
- भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वर्ष 2017-18 (प्रथम संशोधित अनुमान) में 7.2 प्रतिशत, वर्ष 2018-19 (अनंतिम अनुमान) में 6.3 प्रतिशत तथा वर्ष 2019-20 (प्रथम अग्रिम अनुमान) में 5.0 प्रतिशत है।
- सेवा क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद में सर्वाधिक अंशदान करता है।
- जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था का विकास होता है, वैसे-वैसे जी.डी.पी. में तृतीय क्षेत्र का अंश बढ़ता है। सकल राष्ट्रीय सुख को प्रगति का सूचक भूटान ने चुना है।
- मानव विकास प्रतिवेदनों का प्रकाशन (राज्यों में) सर्वप्रथम मह प्रदेश ने किया था।
- मानव विकास सूचकांक (Human Development Index HDP) का प्रतिपादन पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उत द्वारा किया गया था।
- भारत की सकल राष्ट्रीय आय में कृषि का हिस्सा निरंतर कम हो रहा है।
- भारत एक विकासशील अर्थव्यवस्था है। बंद अर्थव्यवस्था (क्लोज्ड इकोनॉमी) में आयात-निर्यात बंद होते हैं।