गुप्त वंश : समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त द्वितीय

गुप्त वंश

  • गुप्त वंश (Gupta Dynasty) ने 275-550 ई. तक शासन किया। इस वंश की स्थापना लगभग 275 ई. में महाराज श्रीगुप्त द्वारा की गई थी।
  • गुप्त वंश का प्रथम शक्तिशाली शासक चंद्रगुप्त (Chandragupta ) था, जिसने 319-335 ई. तक शासन किया।
  • चंद्रगुप्त I  ने अपनी महत्ता सूचित करने के लिए अपने पूर्वजों के विपरीत महाराजाधिराज’ (‘Maharajadhiraj’)की उपाधि धारण की।
  • वाकाटक शासक प्रवरसेन प्रथम ने चार अश्वमेघ (four ashwamedha )यज्ञों का संपादन किया।
  • कन्नौज को महोदया’, ‘महोदयाश्री’ (‘Madam’, ‘Madam’)आदि नामों से अभिव्यक्त किया गया है।
  • इतिहासकार विंसेंट स्मिथ (vincent smith )ने अपनी रचना ‘अर्ली हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ में समुद्रगुप्त की वीरता एवं विजयों पर मुग्ध होकर उसे भारतीय नेपोलियन’ (‘Indian Napoleon’ )की संज्ञा दी है।
  • इलाहाबाद का अशोक स्तंभ अभिलेख (Ashoka Pillar Inscription of Allahabad )समुद्रगुप्त (335-375 ई.) के शासन के बारे में सूचना प्रदान करता है।
  • इलाहाबाद स्तंभ पर समुद्रगुप्त के संधि विग्रहिक हरिषेण (Harishen )ने संस्कृत भाषा में प्रशंसात्मक वर्णन प्रस्तुत किया है, जिसे प्रयाग प्रशस्ति’ (‘Prayag Prashasti’)कहा गया है।
  • चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य’ वह प्रथम गुप्त शासक था, जिसने परम भागवत’ (‘Param Bhagwat’)की उपाधि धारण की थी।
  • गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य को शक विजेता’ (‘Shaq the winner’ )कहा गया है।
  • पश्चिम भारत के अंतिम शक राजा रुद्रसिंह III (Rudrasingh III )को चंद्रगुप्त द्वितीय ‘विक्रमादित्य’ ने पांचवीं सदी के प्रथम दशक में परास्त कर पश्चिमी भारत में शक सत्ता का उन्मूलन किया था।
  • शकों को हराने के कारण चंद्रगुप्त विक्रमादित्य की एक अन्य उपाधि शकारि‘(‘Shakari’)भी है।
  • चंद्रगुप्त ने इस उपलक्ष्य में चांदी के सिक्के (silver coins ) भी चलाए ।
  • हूणों का पहला भारतीय आक्रमण गुप्त सम्राट स्कंदगुप्त के शासनकाल (Skandagupta’s reign )में हुआ तथा स्कंदगुप्त के हाथों वे बुरी तरह परास्त हुए।
  • गुप्तकाल में बंगाल में ताम्रलिप्ति (copper plating )एक प्रमुख बंदरगाह था, जहां से उत्तर भारतीय व्यापार एवं साथ ही दक्षिण-पूर्व एशिया, चीन, लंका, जावा, सुमात्रा आदि देशों के साथ व्यापार होता था।
  • गुप्तकाल में गुजरात, बंगाल, दक्कन एवं तमिलनाडु वस्त्र उत्पादन के लिए (for clothing production ) प्रसिद्ध थे।
  • धन्व॑तर चंद्रगुप्त II विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे, ये आयुर्वेद शास्त्र के प्रकांड पंडित थे।
  • चरक कनिष्क के राजवैद्य (royal doctor )थे, जिन्होंने चरक संहिता’ (‘Charak Samhita’ )की रचना की थी।
  • भास्कराचार्य (Bhaskaracharya ) प्रख्यात खगोलज्ञ एवं गणितज्ञ थे। उन्होंने सिद्धांत शिरोमणि’ (‘Siddhant Shiromani’ ) तथा लीलावती’ (‘Lilavati’) नामक ग्रंथों की रचना की।
  • गुप्तकाल में स्वर्ण मुद्रा को दीनार (dinar to gold currency ) कहा जाता था।
  • चीनी यात्री फाह्यान (Fa-Hian ) के अनुसार लोग दैनिक क्रय-विक्रय में कौड़ियों का प्रयोग करते थे।
  • सती प्रथा का प्रथम अभिलेखिक साक्ष्य एरण (Eran ) से प्राप्त हुआ है।
  • एरण अभिलेख 510 ई. का है, जिसमें गोपराज नामक सेनापति की स्त्री के सती होने का उल्लेख (Mention of woman being sati ) है।
  • गुप्त संवत् (‘Gupta Samvat’ ) का प्रवर्तक चंद्रगुप्त प्रथम था ।
  • गुप्त संवत् की तिथि 319 ई. 319 AD) है।
  • गुप्त वंश के शासकों ने मंदिरों (temples )एवं ब्राह्मणों (Brahmins ) को सबसे अधिक ग्राम अनुदान में दिए थे।
  • गुप्तकाल में कला एवं साहित्य में हुई प्रगति के आधार पर इस काल को प्राचीन भारत का स्वर्ण युग’ (‘Golden Age’)कहा जाता है।
  • प्राचीन भारत में सिंचाई कर को उदकभाग (flying part ) अथवा बिदकभागम(bidakbhagam ) कहा गया है।
  • गुप्त एवं गुप्तोत्तर काल में रेशम के लिए कौशेय’ (‘Kaushey’) शब्द का प्रयोग होता था।
  • तीसरी शताब्दी में वारंगल लोहे के यंत्रों / उपकरणों (iron instruments/instruments ) हेतु प्रसिद्ध था।
  • तोरमाण (Torman ) भारत पर दूसरे हूण आक्रमण का नेता था।
  • शतरंज का खेल (chess game) भारत में गुप्तकाल (Gupta period )के दौरान उद्भूत हुआ था, जहां इसे चतुरंग’ (‘Chaturanga’) के नाम से जाना जाता था।
  • भारत से यह ईरान एवं तत्पश्चात यूरोप (Europe) में पहुंचा।
  • महर्षि कपिल ने सांख्य दर्शन (Sankhya philosophy ) का प्रतिपादन किया था।
  • महर्षि पतंजलि को योग दर्शन का संस्थापक (founder of yoga philosophy )आचार्य माना जाता है।
  • न्याय दर्शन (justice philosophy ) का प्रवर्तन गौतम ने किया, जिन्हें अक्षपाद भी कहा जाता है।
ऐतिहासिक इमारतें / मंदिर एवं स्थिति
इमारतें / मंदिरस्थिति
अजंता एवं एलोरा गुफाऔरंगाबाद (महाराष्ट्र)
शांतिनिकेतनवीरभूमि (प. बंगाल)
एलिफेंटा गुफामुंबई (महाराष्ट्र)
महाबलिपुरम मंदिरमामल्लपुरम, कांचीपुरम (तमिलनाडु)
सांची स्तूपरायसेन (मध्य प्रदेश)
लिंगराज मंदिरभुवनेश्वर (ओडिशा)
सूर्य मंदिर (काला पैगोडा )कोणार्क (ओडिशा)
दक्षिणेश्वर काली मंदिरकोलकाता (प. बंगाल)
सोमनाथ मंदिरगिर सोमनाथ (गुजरात)
कैलाश मंदिरएलोरा (महाराष्ट्र)
त्र्यंबकेश्वर मंदिरनासिक (महाराष्ट्र)
महाबलेश्वर मंदिरमहाराष्ट्र
दिलवाड़ा जैन मंदिरमाउंट आबू (राजस्थान )
ब्रह्मा मंदिरपुष्कर (राजस्थान)
होयसलेश्वर मंदिरहेलेबिड (कर्नाटक)
रामेश्वरम मंदिरतमिलनाडु
मीनाक्षी मंदिरमदुरई (तमिलनाडु)
बृहदेश्वर मंदिरतंजावुर (तमिलनाडु)
नटराज मंदिरचिदंबरम (तमिलनाडु)
वेंकटेश्वर मंदिरतिरुपति (आंध्र प्रदेश)
जगन्नाथ मंदिरपुरी (ओडिशा)
वैष्णो देवी मंदिरजम्मू-कश्मीर
खजुराहो मंदिरछतरपुर (म.प्र.)