ब्रिटिश राज का अभ्युदय एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम : (Rise of British Raj and First War of Independence)

ब्रिटिश राज का अभ्युदय एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम

  • वास्कोडिगामा (Vasco da Gama ) गुजराती पथ-प्रदर्शक अब्दुल मजीद की सहायता से भारत के पश्चिमी तट पर स्थित बंदरगाह कालीकट पर 20 मई, 1498 को पहुंचा।
  • कालीकट के तत्कालीन शासक जमोरिन (Zamorin) ने वास्कोडिगामा का स्वागत किया।
  • 1505 ई. में फ्रांसिस्को द अल्मीडा (francisco de almida) भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनकर आया।
  • अल्फांसो द अल्बुकर्क (Alfonso the Albuquerque) ने 1510 ई. में बीजापुरी शासक यूसुफ आदिलशाह से गोवा छीनकर अपने अधिकार में कर लिया।
  • भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन का क्रम है- पुर्तगीज, डच, अंग्रेज, डेन और फ्रांसीसी । (Portuguese, Dutch, English, Dane and French.)

भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियां (European trading companies in India)

नामस्थापना वर्षभारत में प्रथम स्थायी फैक्ट्री
पुर्तगाली1498 ई.कोचीन (1503)
अंग्रेज1600 ई.सूरत (1613)
डच1602 ई.मुसलीपट्टनम (1605)
डेनिस16163 ई.ट्रानकेबार (1620)
फ्रांसीसी1664 ई.सूरत (1668)
  • भारत में पुर्तगाली (Portuguese) सबसे पहले 1498 ई. में आए तथा सबसे अंत में 1961 ई. में वापस गए।
  • भारत के साथ व्यापार के लिए सर्वप्रथम संयुक्त पूंजी कंपनी (first joint stock company) डचों ने आरंभ की।
  • डचों ने पुर्तगालियों को पराजित कर आधुनिक कोच्चि में फोर्ट विलियम्स का निर्माण (construction of fort williams) कराया था।
  • 1599 ई. में इंग्लैंड में एक मर्चेंट एडवेंचर्स नामक दल ने अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी अथवा दि गवर्नर एंड कंपनी ऑफ मर्चेंट्स ट्रेडिंग इन टू द ईस्ट इंडीज’ (The Governor and Company of Merchants Trading in to the East Indies) की स्थापना की। जहांगीर के शासनकाल में इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने सर्वप्रथम 1611 ई. में मसूलीपट्टनम अथवा मछलीपट्टनम (Masulipatnam or Machilipatnam) में एक अस्थायी कारखाना स्थापित किया था।
  • 1613 ई. में सूरत (Surat) में स्थापित कारखाना अंग्रेजों का प्रथम स्थायी कारखाना था ।
  • 1661 ई. में इंग्लैंड के सम्राट चार्ल्स द्वितीय का विवाह पुर्तगाल की राजकुमारी कैथरीन (princess katherine) से होने पर चार्ल्स को बंबई उपहार के रूप में प्राप्त हुआ था, जिसे उन्होंने 1668 ई. में 10 पौंड वार्षिक किराए पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया था।
  • लुई चौदहवें के मंत्री कॉल्बर्ट द्वारा 1664 ई. में फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई, जिसे कंपनी देस इंडेस ओरियंटलेस’ (Company des Indes Orientales) कहा गया।
  • मुर्शिद कुली खां (Murshid Quli Khan) बंगाल का प्रथम स्वतंत्र सूबेदार था, जिसे मुगल बादशाह द्वारा नियुक्त किया गया था।
  • अलीवर्दी खां (Alivardi Khan) ने यूरोपियों की तुलना मधुमक्खियों से की तथा कहा कि यदि उन्हें न छेड़ा जाए तो वे शहद देंगी और यदि छेड़ा जाए तो वे काट-काट कर मार डालेंगी।
  • ब्लैक होल की घटना (black hole phenomenon) 20 जून, 1756 को सिराजुद्दौला के समयमें हुई थी।
  • भारतवर्ष में ब्रिटिश साम्राज्य का संस्थापक (founder of the british empire) लॉर्ड रॉबर्ट क्लाइव को माना जाता है।
  • 22 अक्टूबर, 1764 को अंग्रेजों ने मीर कासिम, अवध के नवाब शुजाउद्दौला तथा दिल्ली के मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय की सम्मिलित सेना को बक्सर के युद्ध (battle of buxar) में परास्त किया।
  • इलाहाबाद की संधि (Treaty of Allahabad) (अगस्त, 1765) के अनुसार, शाहआलम को अंग्रेजी संरक्षण में ले लिया गया तथा उसे इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में रखा गया।
  • 12 अगस्त 1765 के अपने फरमान द्वारा मुगल बादशाह शाहआलम (Mughal Emperor Shah Alam ) ने कंपनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा की दीवानी स्थायी रूप से दे दी, जिसके बदले कंपनी द्वारा सम्राट को 26 लाख रुपये प्रतिवर्ष (Rs 26 lakh per annum) पेंशन के रूप में दिया जाना था। सरदार के. एम. पन्निकर ने कहा है कि 1765 से 1772 ई. तक कंपनी ने बंगाल में ‘डाकूओं का राज्य स्थापित कर दिया।
  • रणजीत सिंह का जन्म 13 नवंबर, 1780 को सुकरचकिया मिसल के मुखिया महासिंह के घर हुआ था।
  • महाराजा  रणजीत सिंह (Maharaja Ranjit Singh) और अंग्रेजों के बीच 25 अप्रैल, 1809  को अमृतसर की संधि हुई I
  • रणजीत सिंह (Ranjit Singh) ने 1818 ई. में मुल्तान, 1819 ई. में कश्मीर और 1834 ई. में पेशावर को जीत लिया।
  • महाराजा दिलीप सिंह (Maharaja Dilip Singh) सिख साम्राज्य के अंतिम शासक थे।
  • दिलीप सिंह ( Dilip Singh )का निधन अक्टूबर, 1893 में पेरिस (फ्रांस) में हो गया था। इनकी अंत्येष्टि इंग्लैंड में हुई थी।
  • प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध (First Anglo-Mysore War) 1767-69 ई. में हुआ।
  • द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (Second Anglo-Mysore War) (1780-84 ई.) के दौरान, हैदर अली ने निजाम तथा मराठों के साथ मिलकर अंग्रेजों के विरुद्ध एक मोर्चा बनाया।
  • टीपू सुल्तान ने श्रीरंगपट्टनम (Srirangapatnam) को अपनी राजधानी बनाया एवं यहां जैकोबिन क्लब की स्थापना की और उसका सदस्य बना।
  • तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (Third Anglo-Mysore War) (1790-92) का अवसान श्रीरंगपट्टनम की संधि ( मार्च, 1792) द्वारा हुआ।
  • टीपू सुल्तान चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध (Fourth Anglo-Mysore War) (1799 ) के दौरान अंग्रेजों से लडते हुए मारा गया।
  • 1793 ई. में कार्नवालिस ने भू-राजस्व की स्थायी बंदोबस्त प्रणाली (System) का प्रारंभ किया, इसे इस्तमरारी, जागीरदारी, मालगुजारी एवं बीसवेदारी आदि भिन्न-भिन्न नामों से भी जाना जाता है।
  • स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) के अंतर्गत समूचे ब्रिटिश भारत के क्षेत्रफल का लगभग 19 प्रतिशत हिस्सा शामिल था।
  • रैयतवाड़ी व्यवस्था (Ryotwari system) के जन्मदाता टॉमस मुनरो और कैप्टन रीड थे।
  • जिन्होंने सर्वप्रथम इसे तमिलनाडु के वारामहल (Varamahal in Tamil Nadu) जिले में लागू किया।
  • यह व्यवस्था मद्रास, बंबई के कुछ हिस्से, पूर्वी बंगाल, असम तथा कुर्ग (Madras, parts of Bombay, East Bengal, Assam and Coorg) (आधुनिक कर्नाटक का एक भाग) में लागू की गई।
  • महलवाड़ी पद्धति (Mahalwadi system) में भू-राजस्व व्यवस्था कृषक के साथ नहीं, बल्कि प्रत्येक ग्राम अथवा महल (जागीर का एक भाग) के साथ स्थापित की जाती थी।
  • महलवाड़ी पद्धति (Mahalwari system) उ.प्र., मध्य प्रांत तथा पंजाब में (कुछ परिवर्तनों के साथ) लागू की गई, जिसके अंतर्गत कुल ब्रिटिश भारत के भू-क्षेत्र का 30 प्रतिशत हिस्सा शामिल था।
  • दादाभाई नौरोजी (Dadabhai Naoroji) ने अपने लेखों -‘ इंग्लैंड डेब्ट टू इंडिया’, टू ‘पावर्टी एंड अन- ब्रिटिश रूल इन इंडिया’, ‘द वॉन्ट्स एंड मीन्स ऑफ इंडिया’ तथा ‘ऑन द कॉमर्स ऑफ इंडिया’ के माध्यम से अपने अपवाह सिद्धांत का प्रतिपादन किया।
  • दादाभाई नौरोजी Dadabhai Naoroji (1825-1917) ने 1865 ई. में डब्ल्यू. सी. बनर्जी के साथ मिलकर लंदन इंडिया सोसाइटी का गठन किया।
  • 1892 ई. में लिबरल पार्टी के टिकट पर ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुने जाने वाले दादाभाई नौरोजी (Dadabhai Naoroji) पहले भारतीय थे।

गवर्नर जनरल एवं उनकी नीतियां (Governor General and his policies)

गवर्नर जनरलवर्षनीति
वॉरेन हेस्टिंग्स लॉर्ड कार्नवालिस1772बंगाल में द्वैध शासन का अंत
लॉर्ड वेलेजली1793स्थायी बंदोबस्त
विलियम बेंटिक1798सहायक संधि
लार्ड उन्हौजी1829सती प्रथा पर रोक
लॉर्ड न1856राज्य हड़प नीति
लॉर्ड डफरिन1882स्थानीय स्वशासन
लॉर्ड कर्जन1885कांग्रेस की स्थापना
  • 1857 की क्रांति का प्रारंभ 10 मई को मेरठ से हुआ था।
  • 1857 के स्वाधीनता संग्राम का प्रतीक कमल और रोटी था।
  • बरेली में रुहेलखंड के भूतपूर्व शासक के उत्तराधिकारी खान बहादुर ने 1857 के विद्रोह की रहनुमाई की।
  • रानी लक्ष्मीबाई (मूल नाम मणिकर्णिका ) का जन्म 19 नवंबर, 1835 को गोलघर में हुआ था, जो वर्तमान में वाराणसी में है।
  • 14 वर्ष की उम्र में लक्ष्मीबाई का विवाह (Lakshmibai’s marriage) झांसी के महाराजा गंगाधर राव के साथ हुआ।
  • लखनऊ (अवध) में विद्रोह का नेतृत्व बेगम हजरत महल (Leadership Begum Hazrat Mahal) ने किया।
  • उन्होंने अपने अल्पवयस्क बेटे बिरजिस कादिर ( birjis kadir )को नवाब घोषित किया तथा प्रशासन की बागडोर अपने हाथ में ले ली।
  • कानपुर में 5 जून, 1857 को नाना साहब (नाना धोंदो पंत) को पेशवा मानकर स्वतंत्रता की घोषणा की गई।
  • अजीमुल्ला खां (Azimullah Khan) नाना साहब के सलाहकार थे। – तात्या टोपे (1814-1859) को रामचंद्र पांडुरंग के नाम से भी जाना जाता है।
  • 1857 में जगदीशपुर में विद्रोह की अगुवाई करने वाले कुंवर सिंह (Kunwar Singh) बिहार के तत्कालीन शाहाबाद जिले (वर्तमान भोजपुर जिले) से संबंधित थे।
  •  आउवा के ठाकुर कुशल सिंह (Thakur Kushal Singh) ने 1857 ई. की क्रांति में अंग्रेजों और जोधपुर की संयुक्त सेना को पराजित किया था।
  • मौलवी अहमदुल्लाह शाह (Maulvi Ahmadullah Shah) ने फैजाबाद में 1857 के विद्रोह को अपना नेतृत्व प्रदान किया।
  • मौलवी अहमदुल्लाह ने भारत के विभिन्न धर्मानुयायियों का आह्वान करते हुए कहा कि “सारे लोग काफिर अंग्रेजों के विरुद्ध खड़े हो जाओ और उन्हें भारत से बाहर खदेड़ दो।” (All people stand against the infidel British and drive them out of India.)
  • 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर जनरल लॉर्ड कैनिंग (Governor General Lord Canning) (185662) था।
  • 1857 के विद्रोह के समय बैरकपुर में लेफ्टिनेंट जनरल सर जॉन बेनेट हैरसे (John Bennet Hearsey) कमांडिंग ऑफिसर थे

1857 की क्रांति के भारतीय सेनापति (Indian generals of the revolution of 1857)

स्थानभारतीय सेनापति
जगदीशपुरकुंवर सिंह
लखनऊबेगम हजरत महल
कानपुरनाना साहिब एवं तात्या टोपे
झांसीरानी लक्ष्मीबाई
दिल्लीबहादुर शाह द्वितीय
इलाहाबादलियाकत अली
बरेलीखान बहादुर खान
  • सर जेम्स आउट्रम एवं डब्ल्यू. टेलर ने 1857 के विद्रोह का हिंदू-मुस्लिम षड्यंत्र (Hindu-Muslim Conspiracy) का परिणाम बताया है।
  • वी.डी. सावरकर ने अपनी पुस्तक “The Indian Ware Independence 1857 (भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 1857) में इस विद्रोह को सुनियोजित स्वतंत्र संग्राम की संज्ञा दी।
  • 1857 के भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के सरकारी इतिहासक सुरेंद्र नाथ सेन (एस.एन. सेन ) थे जिनकी पुस्तक ‘एड्री फिफ्टी सेवन’ (Fifty Seven) वर्ष 1957 में प्रकाशित हुई थी।
  • सर सैयद अहमद खां द्वारा लिखित पुस्तक असबाब-ए-बगाव ए-हिंद’ (Asbab-e-Bagaw-e-Hind) 1859 ई. में प्रकाशित हुई थी, जिसमें 1857 के विद्रो के कारणों की चर्चा की गई थी।
  • 1857 के विद्रोह का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम महारानी विक्टोरि (queen victoria) की उद्घोषणा थी।
  • यह उद्घोषणा 1 नवंबर, 1858 को इलाहाबाद में हुए दरबार लॉर्ड कैनिंग द्वारा उद्घोषित की गई।
  • इसमें भारत में कंपनी के शासन को समाप्त कर भारत शासन सीधे क्राउन के अधीन (By ending the Company’s rule in India, the Government of India came directly under the Crown.) कर दिया गया।
  • 1857 के विद्रोह के ठीक बाद बंगाल में नील विद्रोह (indigo rebellion) (1859-6 ई.) हुआ।
  • संन्यासी विद्रोह- (Sanyasi Revolt) 1763-1800 ई. में; संथाल विद्रोह – (Santhal rebellion) 1855-5 ई. में तथा पावना उपद्रव – (Holy nuisance) 1873-76 ई. में हुआ।
  • नील बागान मालिकों के अत्याचारों का खुला चित्रण दीन मित्र ने अपने नाटक ‘नील दर्पण’ (Neel Darpan) में किया है।
  • ”वन्दे मातरम’ गीत (Vande Mataram’ song) बंकिमचंद्र चटर्जी की प्रसिद्ध कृति ‘आनंदम (Anandam) से लिया गया है।
  • इस उपन्यास का कथानक संन्यासी विद्रोह (Saints Rebellion) पर आधारित है।
  •  पश्चिमी पंजाब में कूका आंदोलन (kuka movement) की शुरुआत 1840 ई. भगत जवाहरमल द्वारा की गई, जिन्हें मुख्यतः सियान सा के नाम से पुकारा जाता था।
  • इनका उद्देश्य सिख धर्म में प्रचलित बुराइयों और अंधविश्वा को दूर कर इस धर्म को शुद्ध करना (To purify this religion by removing the prevailing evils and superstitions in Sikhism) था।
  • पागलपंथ (Crazy cult) एक अर्द्ध-धार्मिक संप्रदाय था, जिसे उत्तरी बंगाल करमशाह ने चलाया था।
  • फराजी लोग (Faraji people) बंगाल के फरीदपुर के हाजी शरीयतुल्ला द्वारा चलाए गए संप्रदाय के अनुयायी थे।
  • खोद जनजाति (Khod tribe) के लोग तमिलनाडु से लेकर बंगाल और मध्य भारत तक फैले विस्तृत पहाड़ी क्षेत्रों में रहते थे और पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण ये वस्तुतः स्वतंत्र थे। इन्होंने 1837 ई. से 1856 ई. तक अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया।
  • 1 छोटानागपुर क्षेत्र में कोल विद्रोह (Kol rebellion) का नेतृत्व 1831-32 ई. में बुद्ध या बुद्धो भगत ने किया था।
  • 1855 ई. में संथालों (Santhals) ने भागलपुर क्षेत्र के भगनीडीह ताल्लुके में विद्रोह कर दिया था ।
  • रम्पा विद्रोह – (Rampa rebellion) आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले के उत्तर में स्थित ‘रम्पा’ पहाड़ी क्षेत्र में हुआ।
  • आदिवासियों का यह विद्रोह साहूकारों के शोषण और वन कानूनों के विरुद्ध हुआ। (Exploitation of moneylenders and against forest laws)
  • मुंडा आदिवासियों (Munda tribals) का विद्रोह1899 1900 ई. के बीच हुआ, इसका नेतृत्व बिरसा मुंडा ने किया।
  • 1895 ई. में बिरसा ने अपने आपको ‘भगवान का दूत’ घोषित किया था।
  •  मुंडा विद्रोह के नेता बिरसा मुंडा को उल्गुलान (महान हलचल) Ulgulan (Great Stirring)और इनके विद्रोह को ‘उल्गुलन’ (महाविद्रोह) के नाम से जाना गया।
  • ठक्कर बापा (Thakkar Bapa) ने जनजातीय लोगों के संबंध में ‘आदिवासी’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किया था।
  • हौज (हो) विद्रोह 1820-21 (Hauz (Ho) rebellion 1820-21) ई. में हुआ था जिसका केंद्र बिहार का संथाल परगना था।
  • खैरवार आदिवासी आंदोलन (Khairwar tribal movement) भागीरथ मांझी के नेतृत्व में 1874 ई. में हुआ था।
  • मोपला विद्रोह (Moplah rebellion) केरल के मालाबार क्षेत्र में वर्ष 1921 में हुआ था। अहोम विद्रोह 1828 ई. में प्रारंभ हुआ था। इसके नेता गोमधर कुंदर थे।
  • ताना भगत आंदोलन (Tana Bhagat Movement) का प्रारंभ उरांव आदिवासियों के मध्य वर्ष 1914 में छोटानागपुर में हुआ था। इस आंदोलन के नेतृत्वकर्ता जतरा भगत, बलराम भगत तथा देवमेनिया भगत आदि थे।
  • कूकी विद्रोह kuki rebellion  (1917-19) मणिपुर एवं त्रिपुरा में; कूका विद्रोह kuka rebellion (1840-72) पंजाब में; पावना विद्रोह The Holy Rebellion (1873-76) बंगाल में हुआ था।
  • “महात्मा गांधी और उनकी विचारधारा से प्रभावित होने वाले पहले जनजातीय नेता जदोनांग (जोड़ानांग) (Tribal leader Jadonang (Jodanang)) थे। जदोनांग (जोड़ानांग) मणिपुर के नागा जनजाति के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी थे।