सामान्य विज्ञान – प्रारंभिक भौतिक विज्ञान

प्रारंभिक भौतिक विज्ञान (Elementary physics)

  • न्यूटन के प्रथम नियम के अनुसार (According to Newton’s first law) प्रत्येक वस्तु अपनी स्थिति को बनाए रखना चाहती है।
  • न्यूटन ने अपनी पुस्तक ‘प्रिंसीपिया’ में गुरुत्वाकर्षण का नियम (law of gravity) दिया।
  • रेखीय संवेग संरक्षण (conservation of linear momentum) निकलकर आता है,न्यूटन के द्वितीय तथा तृतीय नियम दोनों के योग से।
  • जड़त्व के कारण ही पिंड अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध (resistance to change) करता है।
  • आवेग = बल x समयान्तराल = संवेग परिवर्तन (momentum change)
  • किसी वस्तु या पिंड में उसकी गति या वेग के कारण कार्य करने की क्षमता (the ability of an object or body to do work due to its motion or velocity) को ‘गतिज ऊर्जा’ कहते हैं। जैसे बंदूक से दागी गई गोली में,तोप से छोड़े गए गोले में, चलते हुए वाहन में तथा घूमते हुए लट्टू में उत्पन्न ऊर्जा।
  • क्रिया एवं प्रतिक्रिया एक ही वस्तु पर क्रिया करते हैं तो परिणामी बल शून्य (resultant force zero) होगा।
  • गति का प्रथम नियम जड़त्व की व्याख्या (definition of inertia) करता है।
  • वोल्टमापी’(voltmeter) द्वारा विभवान्तर नापा जाता है।
  • तरंगदैर्ध्य का मात्रक एंगस्ट्रॉम’(angstrom) होता है।
  • एनीमोमीटर का उपयोग पवन का वेग’(‘Wind Speed’) मापने के लिए किया जाता है।
  • शक्ति और ऊर्जा दोनों अदिश राशियां (scalar quantities) हैं।
  • किसी विशेष दिशा में गतिशील वस्तु की स्थिति परिवर्तन को उसका विस्थापन (displacement) कहते हैं।
  • कैरेट सोने की शुद्धता (Carat purity of gold) की माप है।
  • बार वायुमंडलीय दाब (atmospheric pressure) की इकाई है।
  • तोप फायरिंग करने के बाद न्यूटन के गति के तीसरे नियम (क्रियाप्रतिक्रिया) के अनुसार (According to Newton’s third law of motion (action-reaction) पीछे की ओर धक्का मारती है।
  • एक फैदम (Fathom) का मान 6 फीट या 1.8288 मीटर के बराबर होता है।
  • वे भौतिक राशियां, जिनमें परिमाण और दिशा दोनों होते हैं, ‘सदिश राशियां’ कहलाती हैं, जैसे- वेग (Velocity), बल (Force), त्वरण (acceleration) आदि।
  • वे भौतिक राशियां जिनमें परिमाण होता है, दिशा नहीं होती, अदिश राशियां’ (Scalar Quantities) कहलाती हैं, जैसे-द्रव्यमान, तापमान, समय आदि।
  • किसी सदिश का परिमाण (Magnitude) धनात्मक, ऋणात्मक व शून्य कुछ भी हो सकता है।
  • चंद्रमा पर ‘g’ का मान, पृथ्वी पर (Value of ‘g’ on earth) के ‘g’ के मान का 1/6 होता है।
  • त्वरण का मात्रक न्यूटन/मी2 होता है। बल का मात्रक न्यूटन तथा ऊष्मा, कार्य अथवा ऊर्जा का मात्रकजूल’ (‘Newton and the unit of heat, work or energy ‘Joule’) है।
  • साइकिल सवार किसी मोड़ पर घूमता है, तो वह अभिकेन्द्री बल'(Centripetal Force) से अपने भार को संतुलित कर लेता है।
  • अभिकेन्द्रीय बल की दिशा(direction of centripetal force(केन्द्र की ओर होती है।
  • अभिकेंद्रीय बल )centripetal force(MV / R के बराबर होता है। जहां पर M द्रव्यमान, V वेग, R त्रिज्या है।
  • जड़त्व आघूर्ण का SI मात्रक किग्रा. मी.'(SI unit kg. m.’) होता है।
  • वृत्ताकार मार्ग पर गतिशील कण को वृत्त के केन्द्र से मिलाने वाल रेखा एक सेकण्ड में जितने कोण से घूम जाती है, उसे उस कम का कोणीय वेग'(Angular Velocity) कहते हैं।
  • किसी पिंड द्वारा किया गया कार्य (work done by the body) = बल x बल की दिशा में विस्थापन|
  • जब किसी वस्तु में विशेष अवस्था (Position) के कारण कार्य करने की क्षमता आ जाती है, तो उसे स्थितिज ऊर्जा’ (Potential Energy) कहा जाता है।
  • S. I. प्रणाली (System) में कुल 7 मूल मात्रकों को रखा गया है।
  • मीटर किलोग्राम, सेकण्ड केल्विन, एम्पियर, कैण्डिला (kilogram, second kelvin, ampere, candela) तथा मोल।
  • विद्युत जनित्र (Generator) यांत्रिक ऊर्जा को वैद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करके विद्युत उत्पन्न करते हैं।
  • ये विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत (Electro Magnetic Induction) पर कार्य करते हैं।
  • किसी घड़ी के लोलक की लंबाई बढ़ाए जाने पर आवर्तकाल (Turnover time) बढ़ता है।
  • स्प्रिंग को अपनी सामान्य लंबाई पर वापस लौटने के लिए लगने वाले बल को प्रत्यास्थ प्रत्यानयन बल’ (Elastic Restoring Force) कहते हैं।
  • प्रत्यास्थता (Elasticity), किसी वस्तु के पदार्थ का वह गुण है, जिसके कारण वस्तु किसी विरूपक बल (Deforming Force) के द्वारा उत्पन्न आकार अथवा आकृति के परिवर्तन का विरोध करती है।
  • वेग परिवर्तन की दर को त्वरण (acceleration) कहते हैं।
  • इसकी इकाई(unit) सेमी./से. होती है।
  • घनत्व वह भौतिक राशि (physical quantity) है,जिस पर मात्रा में वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • जड़त्व का नियम (law of inertia) सर्वप्रथम गैलीलियो ने दिया था।
  • कार्य करने की दर को शक्ति या सामर्थ्य (strength or power) कहते हैं।
  • शक्ति = (कार्य ) / (समय )
  • तापमान थर्मामीटर (thermometer) से मापा जाता है।
  • 100°C तापमान (temperature) का मान 373 K होता है। दाब की एस.आई. इकाई पास्कल (pascal) है।
  • द्रवों में पृष्ठ तनाव का कारण अणुओं के मध्य ससंजक बल (cohesive force between molecules) है।
  • ससंजक बल वह आकर्षण बल (force of attraction) है, जो एक ही प्रकार के अणुओं के बीच कार्य करता है।
  • पृष्ठ तनाव द्रव की वह प्रवृत्ति है, जिससे द्रव अपना क्षेत्रफल न्यूनतम करने का प्रयास (attempt to minimize area) करता है।
  • पानी से भरे गिलास के अन्दर तैरते हुए बर्फ के टुकड़े के पिघल जाने पर जल का स्तर वही बना रहता है, क्योंकि बर्फ के टुकड़े द्वारा प्रतिस्थापित जल का आयतन बर्फ के द्रव रूप के आयतन के बराबर (The volume of water replaced by a piece of ice is equal to the volume of the liquid form of ice). होता है।
  • उत्प्लावी बल किसी वस्तु द्वारा हटाए गए तरल के भार के बराबर होता है। यह सिद्धांत आर्किमिडीज (Archimedes) ने दिया था।
  • पिघलने पर सामान्यतया ठोस के आयतन में वृद्धि (increase in volume of a solid in general) होती है,लेकिन बर्फ पिघलने पर सिकुड़ती है।
  • यदि ठोस में कोई अशुद्धि विद्यमान (inaccuracy present) है,तो उसका गलनांक कम हो जाता है।
  • पारा’(Mercury) सीसे को नहीं भिगोता है क्योंकि इसका ससंजक बल,आसंजक बल से अधिक होता है।
  • जल में किसी डिटर्जेंट (detergent) (साबुन) को मिलाने से पृष्ठ तनाव कम हो जाता है।
  • संवहन (Convection) की प्रक्रिया में ऊष्मा का संचरण अणुओं के वास्तविक स्थानान्तरण के द्वारा होता है।
  • पानी की विशिष्ट ऊष्मा (specific heat) सर्वाधिक होती है। इसका मान Calorie / (gm°C) या 4186 जूल/(किग्रा.°C) होता है।
  • किसी पदार्थ के 1 ग्राम का तापमान 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की ‘विशिष्ट ऊष्मा (specific heat) कहते हैं।
  • संघनन वह क्रिया है जिसमें वाष्प द्रव में परिवर्तित (vapor converted into liquid) होती है।
  • ताप बढ़ाने पर प्रत्यास्थ्य मान घटते हैं,क्योंकि ताप बढ़ाने से पदार्थों की अवस्था में परिवर्तन (change in state of matter due to increase in temperature) हो जाता है।
  • फारेनहाइट पैमाने में शुद्ध जल का क्वथनांक (Boiling point of pure water in Fahrenheit scale) 212°F होता है।
  • अत्यधिक शीत ऋतु (winter season) में पहाड़ों पर पानी की पाइप लाइनें फट जाती हैं,क्योंकि पाइप में पानी जमने पर फैल जाता है।
  • तड़ित की चमक उसकी गर्जन सुनाई देने से पहले देखने में आती है, क्योंकि प्रकाश की गति ध्वनि (speed of light sound) की गति से अधिक होती है।
  • किसी दर्पण में से परावर्तन के पश्चात तरंग (wave after reflection from the mirror) के आयाम में परिवर्तन होता है।
  • तरंग का आयाम बदल जाता है, तरंग की आवृत्ति,(wave frequency) तरंगदैर्ध्य व वेग में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
  • कंपन करता हुआ कोई पिंड अपनी माध्य स्थिति से अधिकतम जितना विस्थापित होता है, उसे आयाम’ (‘Dimensions’) कहते हैं।
  • एक कंपन पूरा करने में लगा समय आवर्तकाल’(Turnover time) कहा जाता है।
  • एक आवर्तकाल में तरंग द्वारा चली गई दूरी को ‘तरंगदैर्ध्य’ (Wave Length) कहते हैं।
  • एक सेकण्ड में जितने कंपन होते हैं,उसे आवृत्ति’(frequency) कहते हैं।
  • अवतल दर्पण का प्रयोग दाढ़ी बनाने, गाड़ी के हेडलाइट एवं सर्चलाइट में,सोलर कूकर में तथा आंख, कान तथा नाक (Mirrors are used for shaving, car headlights and searchlights, solar cookers and for eyes, ears and nose.) के डॉक्टर द्वारा प्रयोग में लाया जाता है।
  • प्रकाश का रंग तरंगदैर्ध्य (Wave Length) द्वारा निश्चित किया जाता है।
  • सबसे अधिक तरंगदैर्ध्य (Wave Length) लाल रंग के प्रकाश की होती है।
  • सबसे कम तरंगदैर्ध्य (Wave Length) बैंगनी रंग के प्रकाश की होती है।
  • अधिक तरंगदैर्ध्य (Wave Length) के कारण लाल प्रकाश अधिक दूर तक दिखाई पड़ता है। अतः सिग्नल लाल रंग के बनाए जाते हैं।
  • विभिन्न स्थिति में उत्तल लेन्स में प्रतिबिम्ब की लंबाई वस्तु की अपेक्षा छोटी,बराबर या बड़ी हो सकती है। अवतल लेंस में प्रतिबिम्ब की लंबाई सदैव ही वस्तु की अपेक्षा छोटी होती (In a concave lens the length of the image is always smaller than that of the object.) है।
  • मोटर वाहनों में पश्चदृश्य दर्पण के रूप में उत्तल (Convex ) दर्पण उपयोग में लाया जाता है।
  • अवतल दर्पण के फोकस (focus of concave mirror)तथा वक्रता केन्द्र के बीच रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब उल्टा तथा वास्तविक बनता है।
  • साथ ही इस दूरी में रखे वस्तुओं का प्रतिबिम्ब बड़े आकार (image large size) का बनता है।
  • इसलिए दंत चिकित्सकों के द्वारा अवतल दर्पण का प्रयोग (use of concave mirror)किया जाता है।
  • इको साउण्डिंग (echo sounding) एक तकनीक है,जिसका प्रयोग करके सागर की गहराई को मापा जाता है।
  • एस. आई. पद्धति में लेन्स शक्ति की इकाई डायोप्टर'(Diopter) है।
  • न्यूनतम तरंगदैर्ध्य (Minimum wavelength) गामा किरणों का होता है, जिसका तरंगदैर्ध्य परिसर 10-14 मी. से 10-10 मी. तक का होता है।
  • सर्वाधिक तरंगदैर्ध्य दीर्घ रेडियो (long wavelength radio) तरंगों का होता है।
  • ऐसी तरंगें जिनका ध्रुवीकरण नहीं हो सकता हैअनुदैर्ध्य तरंगें'(Longitudinal Waves) कहलाती हैं।
  • प्रकाश विद्युत चुम्बकीय तरंगें (long wavelength radio) हैं।
  • विद्युत चुम्बकीय तरंगें (long wavelength radio) के लिए माध्यम का होना आवश्यक नहीं है।
  • आवृत्ति'(frequency) का SI मात्रक हर्ट्ज है।
  • इसे चक्र/सेकंड (cycles/second) भी कहते हैं।
  • बिग बैंग सिद्धांत’ का मुख्य आधार डॉप्लर का प्रभाव (The main basis of the ‘Big Bang Theory’ is the effect of Doppler) है,जो सापेक्षिक गति की व्याख्या करता है।
  • दूरबीन (Telescope) से दूर की वस्तुएं देखी जाती हैं।
  • दूरबीन (Telescope) यह प्रकाशिक यंत्र है, जिसके द्वारा दूर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब आंख पर बड़ा
  • दर्शन कोण बनाता है, जिससे कि वह वस्तु आंख को बड़ी दिखाई पड़ती है।
  • दूरबीन के आविष्कारक गैलीलियो'(Galileo) हैं।
  • सर्वप्रथम रोमर ने प्रकाश की चाल का मापन (Roemer first measured the speed of light) किया।
  • पानी में डूबी हुई छड़ी (dipped stick) अपवर्तन के कारण मुड़ी हुई प्रतीत होती है।
  • रेगिस्तान में यात्रियों को कुछ दूरी पर पानी होने का भ्रम (Illusion of water at some distance to the travelers in the desert) होता है।
  • इसे रेगिस्तान की मृगतृष्णा’ यामरीचिका'(‘Mriga-Trishna’ or ‘Mirage’) कहते हैं। 20 Hz से कम की आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगें अपश्रव्य तरंगें'(‘infrared waves’) तथा 20,000 Hz से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगें पराश्रव्य तरंगें'(‘ultrasonic waves’)कहलाती हैं।
  • 20 हर्ट्ज से 20 किलो हर्ट्ज तक की आवृत्ति की तरंगें श्रव्य तरंगें'(‘audio waves’) कहलाती हैं।
  • दूर दृष्टि दोष वाली आंख में नजदीक की वस्तु को स्पष्ट देखने के लिए उत्तल लेन्स (convex lens) वाले चश्मे का प्रयोग करते हैं।
  • जिस जगह वायु का दबाव (air pressure) अधिक होता है,वहां पानी का क्वथनांक अधिक होता है और जहां वायुदाब कम होगा वहां पानी का क्वथनांक कम होता है।
  • प्रकाश का वेग ताप (velocity heating) पर निर्भर नहीं करता।
  • प्राथमिक रंगों को मिश्रित करने पर जो रंग प्राप्त होते हैं, उन्हें द्वितीयक’ अथवाअनुपूरक रंग’ (‘Secondary’ or ‘Complementary color’) कहा जाता है।
  • मनुष्य द्वारा सुनी जाने वाली ध्वनि 20-20000 हर्ट्ज (Hertz) होती है,जबकि कुत्ते तथा बिल्लियों द्वारा 20 किलो हर्ट्ज से ऊपर की ध्वनि सुनी जा सकती है।
  • लेजर या प्रकाश के अन्य सुसंगत स्रोतों से दो प्रकाश बीम के व्यतिकरण से बने त्रिविमीय बिम्ब को होलोग्राफी (holography) कहते हैं।
  • एक अपारदर्शक वस्तु (opaque object) का रंग इसके द्वारा रंग का परावर्तन के कारण होता है।
  • लेसर'(‘Laser’)का तात्पर्य-लाइट एम्प्लीफिकेशन बाई स्टीमुलेटेड एमिसन ऑफ रेडिएशन है।
  • एक्स किरण (x ray) का उपयोग टूटी हड्डियों की तस्वीर बनाने में किया जाता है।
  • बादलों वाली रात्रि खुले आकाश वाली रात्रि से गर्म होती है, इसकी वजह पार्थिव विकिरण (terrestrial radiation) है।
  • आइन्स्टीन को प्रकाश वैद्युत प्रभाव सिद्धांत (Einstein’s theory of photoelectric effect) के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।
  • लाउडस्पीकर एक ऐसा यंत्र है, जो माइक्रोफोन से सर्वप्रथम ध्वनि ऊर्जा (sound energy) को वैद्युत ऊर्जा (electrical energy)में एवं तत्पश्चात वैद्युत ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा (sound energy) में परिवर्तित करता है।
  • अधिवर्ष(Leap year) उसे कहते हैं, जब फरवरी 29 दिन की होती है।
  • ट्रांसफॉर्मर विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत (Principles of Transformer Electromagnetic Induction) पर कार्य करने वाला एक साधन है।
  • जिन पदार्थों से होकर विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है, उन्हें विद्युतरोधी'(‘insulating’) कहते हैं। जैसे- लाख, सीसा, एबोनाइट, काष्ठ, रबर, अभ्रक, सल्फर, शुष्क हवा, सिल्क आदि।
  • तड़ित चालक का आविष्कार बेंजामिन फ्रैंकलिन(Benjamin Franklin) (1752) ने किया था।
  • ग्राहम बेल ने टेलीफोन का लॉर्ड लिस्टर ने एण्टीसेप्टिक सर्जरी (antiseptic surgery) का तथा आइन्स्टीन ने सापेक्षता का सिद्धांत दिया था।
  • किसी चालक तार का प्रतिरोध(resistance of wire) तापमान बढ़ने के साथ बढ़ता है।
  • शुद्ध पानी विद्युत (Electricity) का खराब सुचालक है।
  • धातुएं अच्छी चालक होती हैं,क्योंकि उनमें मुक्त इलेक्ट्रॉन(electron) होते हैं।
  • परमाणु वैद्युत उदासीन होता है। सूर्य की असीमित ऊर्जा का स्रोत नाभिकीय संलयन (Nuclear Fussion) होता है।
  • किसी द्रव को उसके क्वथनांक से पूर्व उसके वाष्प में बदलने की क्रिया को वाष्पीकरण’ (Evaporation) कहते हैं।
  • ट्रांजिस्टर (transistor) दो डायोडों का एक संयोजन है।
  • वायुमण्डल में सबसे अधिक मात्रा में नाइट्रोजन (N) 78%)(Nitrogen (N) 78%) होती है।
  • 21% ऑक्सीजन तथा शेष 1% में कार्बन, कार्बन डाइआक्साइड, हाइड्रोजन, हीलियम, ओजोन तथा जलवाष्प (Carbon dioxide, hydrogen, helium, ozone and water vapor) हैं।
  • जब किसी भारी नाभिक के टूटने से दो छोटे नाभिक बनते हैं, तो विशाल मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित होती है। इस क्रिया को नामि विखण्डन'(nominal fission’) कहते हैं।
  • घर्षण से ऊष्मा उत्पन्न (heat generated) होती है।
  • परमाणु (Nuclear) के नामिक का आकार 10-15 मीटर कोटि का होता है।
  • ओजोन(Ozone) (O)एक गैस है। यह समुद्र की सतह से 60 किमी. ऊंचाई पर पाई जाती है।
  • स्ट्रेटोस्फेयर (stratosphere) (समताप मण्डल) पृथ्वी से 18-20 किमी. की उदा पर पाया जाता है।
  • सुपरकंडक्टर (superconductor) की चालकता अनंत होती है।
  • विद्युत और चुंबकत्व (electricity and magnetism) का गहरा संबंध है,इसका पता सर्व मैक्सवेल ने लगाया।
  • खाद्य ऊर्जा को हम कैलोरी इकाई में माप सकते हैं।
  • हाइड्रोजन बम न्यूक्लियर फ्यूजन (नाभिकीय संलयन) के सिद्धां पर बनाया जाता है।
  • रैम का आशय (Random Access Memory’) से है।
  • एक बाइट में 8 बिट्स (8 bits in byte) होते हैं। एक निबल में 4 बिट होते हैं।
  • सिलिकॉन एक सेमी कंडक्टर (Silicon a semi conductor) है। इसका प्रयोग कम्प्यूटर के दि बनाने में किया जाता है।
  • विद्युत ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत (natural source of electrical energy) नहीं है, जबकि लकड़ी, कोयन व सूर्य ऊर्जा के प्राकृतिक स्रोत हैं।
  • रमन प्रभाव'(‘Raman effect’) की खोज के लिए वर्ष 1930 का भौतिकी इ नोबेल पुरस्कार सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन को प्रदान किया गया इस प्रभाव के खोज की तिथि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस'(‘National Science Day’) के रूप में मनाया जाता है।
  • रेडियोकार्बन, कार्बन-14 का प्रयोग (Use of Radiocarbon, Carbon-14) किसी पदार्थ के आयुक निर्धारण करने में किया जाता है।
  • वायु का प्रवाह उच्च वायु दाब (high air pressure) से निम्न वायु दाब की दिशा में होता है।
  • वाशिंग मशीन की कार्य-प्रणाली अपकेन्द्रण के सिद्धांत (principle of centrifugation) पर आधारित है।
  • 1614 ई. में जॉन नेपियर ने लघुगणक की संकल्पना (John Napier’s concept of logarithms) की।
  • ऑक्सीजन की खोज 1774 ई. में जोसेफ प्रीस्टले (joseph priestley) ने की थी।
  • मानव निर्मित प्रथम उपग्रह स्पुतनिक-1(Sputnik-1) था।
  • क्रोनोलॉजी विज्ञान (Chronology Science) की वह शाखा है,जिसमें समय की अवधि अध्ययन किया जाता है।
  • डॉल्टन ने परमाणु सिद्धांत (Dalton’s atomic theory) का प्रतिपादन किया।
  • समुद्र की गहराई सामान्यतया ‘फैदोमीटर'(‘fadometer’) से मापी जाती है।
  • नॉटिकल मील समुद्री दूरी(‘sea distance’) मापने की इकाई है।
  • पृथ्वी के नजदीक वायुमंडल की सबसे निचली परत क्षोभमंडल है। प्रथम अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन हैं जो 12 अप्रैल, 1961 के वोस्टोक स्पेसक्रॉफ्ट से अंतरिक्ष में गए और अंतरिक्ष में एक घंटा 48 मिनट (The lowest layer of the atmosphere is the troposphere. The first cosmonaut is Yuri Gagarin who went into space on the Vostok spacecraft on April 12, 1961 and spent one hour and 48 minutes in space.) तक रहे।
  • जापान पर प्रथम परमाणु बम वर्ष 1945 में गिराया गया था। प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री (Astronaut) राकेश शर्मा थे।
  • चांद पर आदमी को ले जाने वाले स्पेस शटल का नाम अपोले– 11 (Space shuttle named Apollo-11) था।
  • भारत द्वारा चंद्रमा पर भेजे गए पहले यान का नाम चंद्रयान-1 है ब्रह्मांड का अध्ययन कोस्मोलॉजी(Cosmology) रूप में जाना जाता है।