स्वदेशी तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन: महात्मा गांधी तथा अन्य नेताओं की भूमिका

स्वदेशी तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन: महात्मा गांधी तथा अन्य नेताओं की भूमिका (Swadeshi and Civil Disobedience Movement: Role of Mahatma Gandhi and other leaders)

  • ब्रिटिश सरकार ने 20 जुलाई, 1905 को बंगाल विभाजन के निर्णय की घोषणा कर (Announcing the decision of partition of Bengal) दी।
  • 16 अक्टूबर, 1905 को बंगाल (Bengal on October 16, 1905) विभाजन प्रभावी हो गया।
  • इस दिन पूरे बंगाल में शोक दिवस(‘Mourning Day’) के रूप में मनाया गया।
  • रवींद्रनाथ टैगोर के सुझाव पर संपूर्ण बंगाल में इस दिन को राखी दिवस (‘Rakhi Day’) के रूप में मनाया गया।
  • बंगाल का विभाजन (Division of Bengal) लॉर्ड कर्जन (1899-1905 ई.) के काल में वर्ष 1905 में किया गया था।
  • स्वदेशी आंदोलन (Swadeshi movement) के प्रारंभ का तात्कालिक कारण बंगाल विभाजन था।
  • स्वदेशी आंदोलन के समय आंदोलन के प्रति जन समर्थन एकत्र करने के उद्देश्य से अश्विनी कुमार दत्त ने स्वदेश बांधव समिति (‘Swadesh Bandhav Samiti’) की स्थापना की।
  • स्वदेशी आंदोलन के दौरान वंदे मातरम् (‘Vande Mataram’) भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का शीर्षक गीत बना।
  • ब्रिटिश पत्रकार एच.डब्ल्यू. नेविन्सन (British journalist H.W. nevinson) स्वदेशी आंदोलन से जुड़े थे।
  • राष्ट्रीय आंदोलन के बढ़ते प्रभाव के वातावरण में अवनींद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1907 में अपने बड़े भाई गगनेंद्रनाथ के साथ मिलकर इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरिएंटल आर्ट (‘Indian Society of Oriental Art’) की स्थापना की।
  • दादाभाई नौरोजी (Dadabhai Naoroji) को लोग श्रद्धा से ‘भारत के वयोवृद्ध नेता’ (Grand Old Man of India) के नाम से स्मरण करते हैं।
  • 1892 ई. में दादाभाई नौरोजी पहले भारतीय थे, जो उदारवादी दल की ओर से फिंसबरी से ब्रिटिश संसद के सदस्य (Member of the British Parliament from Finsbury) चुने गए।
  • दादाभाई नौरोजी ((Dadabhai Naoroji)) पहले भारतीय थे जो एलफिंस्टन कॉलेज, बंबई में गणित एवं भौतिकी के प्रोफेसर नियुक्त हुए थे।
  • दादाभाई नौरोजी ने एक गुजराती पत्रिका रफ्त गोफ्तार(‘Raft Goftar’) की शुरुआत 1851 ई. में की थी।
  • वर्ष 1907 में मुस्लिम लीग का वार्षिक अधिवेशन कराची (Muslim League annual convention Karachi) में तथा वर्ष 1908 में अमृतसर (Amritsar) में हुआ था।
  • वर्ष 1908 में लंदन में मुस्लिम लीग की एक शाखा सैयद अमीर अली (Syed Ameer Ali) ने स्थापित की थी।
  • वर्ष 1905 में लॉर्ड कर्जन के स्थान पर लॉर्ड मिंटो (lord minto) को भारत का वायसराय नियुक्त किया गया तथा जॉन मार्ले (john marley) को भारत सचिवा
  • भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 ( मार्ले-मिंटो सुधार) (Indian Councils Act, 1909 (Morley-Minto Reforms) का सबसे बड़ा दोष सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत मुसलमाने के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की व्यवस्था करना था।
  • गांधी (Gandhi) ने कहा था-‘ मार्ले-मिंटो सुधार (1909 के इंडियन काउंसिल एक्ट) ने हमारा सर्वनाश कर दिया। “
  • वर्ष 1916 से 1922 तक का काल इंडियन नेशनल कांग्रेस औ मुस्लिम लीग के बीच मतैक्य का काल (period of consensus) था।
  • अप्रैल, 1916 में तिलक ने एवं सितंबर, 1916 में एनी बेसेंट अपनी-अपनी होमरूल लीग की स्थापना (Establishment of Home Rule League) की।
  • बेसेंट ने कॉमनवीलऔर न्यू इंडिया (‘Commonweal’ and ‘New India’) तथा तिलक ने मराठाऔर केसरी (‘Maratha’ and ‘Kesari’) के माध्यम से अपनी-अपनी लीग का प्रचार किया।
  •  तिलक द्वारा स्थापित होमरूल लीग के प्रथम अध्यक्ष जोसेफ बैपटिस्टा तथा सचिव एन. सी. केलकर (The first president was Joseph Baptista and the secretary was N. C. Kelkar) थे।
  • एनी बेसेंट द्वारा स्थापित लीग के सचिव जॉर्ज अरुंडेल (Secretary George Arundell) थे।
  • मोहनदास करमचंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 लो. गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ। उनकी प्रारंभि शिक्षा राजकोट में हुई।
  • महात्मा गांधी का अल्पायु (13 वर्ष) में ही कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) के साथ विवाह हुआ था।
  • करमचंद गांधी पोरबंदर, वंकानेर (Wankaner) एवं राजकंठ राज्यों के दीवान थे। ये गांधीजी के पिता थे।
  • गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में 1894 ई. में नटाल इंडियन कांग्रेस (‘Natal Indian Congress’) की स्थापना की।
  • अपने सहयोगियों की सहायता से गांधीजी ने टॉलस्टॉय फॉर्म(‘Tolstoy Form’) की स्थापना की और वहीं रहने लगे।
  • महात्मा गांधी ने फीनिक्स (phoenix) ( डरबन, दक्षिण अफ्रीका) में वर्ष 1904 में एक आश्रम स्थापित किया।
  • सत्यतथा अहिंसा (‘Truth’ and ‘Ahimsa’) गांधीजी के रामराज्य के युगल सिद्धांत थे।
  • गांधीजी ने लुई फिशर से स्वयं कहा, “मैं सच्चा समाजवादी हूं। मेरे समाजवाद का अर्थ है सर्वोदय। “( I am a true socialist. my socialism means sarvodaya)
  • गांधीजी के समाजवाद में मार्क्सवाद की भी झलक (Glimpses of Marxism in Socialism) मिलती है।
  • गांधीजी के सत्याग्रह सिद्धांत (satyagraha theory) में सत्याग्रही का उद्देश्य शत्रु को पराजित करना नहीं है, बल्कि उसका हृदय परिवर्तन करके उसे अपने अनुकूल बनाना है।
  • गांधीजी 24 वर्ष की उम्र में 1893 ई. में एक गुजराती व्यापारी दादा अब्दुल्ला (Gujarati businessman Dada Abdullah) का मुकदमा लड़ने के लिए दक्षिण अफ्रीका (डरबन ) गए थे।
  • महात्मा गांधी ने सर्वप्रथम वर्ष 1901 में आयोजित कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन (Calcutta session of Congress) में भाग लिया था।
  • महात्मा गांधी ने वर्ष 1915 में अहमदाबाद के कोचरब क्षेत्र में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना (Establishment of Satyagraha Ashram) की थी।
  • महात्मा गांधी ने विदेशी वस्त्रों को नष्ट करने को राष्ट्र के आत्मसम्मान से जोड़ते हुए कहा था कि ” विदेशी वस्त्रों की बर्बादी ही उनके साथ सर्वोत्तम व्यवहार है। (Wasting foreign clothes is the best way to treat them)
  • धर्मनिरपेक्ष लेखकों में गांधीवादी विचारधारा को थोरो, रस्किन और टॉलस्टॉय (Thoreau, Ruskin and Tolstoy) ने सबसे अधिक प्रभावित किया।
  • गांधीजी ने थोरो से सविनय अवज्ञा और कर बंदी की प्रेरणा पाई। (Got inspiration for civil disobedience and tax ban from Thoreau)
  • गांधीजी ने जातिविहीन अछूतों की दशा में सुधार के लिए कठोर संघर्ष किया, गांधीजी कहते थे कि “हरिजन सेवा मेरा जीवन श्वास है, इसलिए इसके बिना मैं एक क्षण भी जिंदा नहीं (“Harijan service is my life breath, so without it I cannot live even for a moment.”) रह सकता।’
  • वर्ष 1917 और 1918 के आरंभ में गांधीजी ने तीन संघर्षों- चंपारन आंदोलन (बिहार), अहमदाबाद और खेड़ा (दोनों गुजरात) (Champaran Movement (Bihar), Ahmedabad and Kheda (both Gujarat)) में हिस्सा लिया।
  • चंपारन तथा खेड़ा आंदोलन किसानों का आंदोलन (farmers movement) था, जबकि अहमदाबाद का आंदोलन औद्योगिक मजदूरों का आंदोलन (industrial workers movement) था।
  • एन. जी. रंगा (N. Yes. painted) ने महात्मा गांधी के चंपारन सत्याग्रह का विरोध किया था, जबकि रवींद्रनाथ टैगोर ने चंपारन सत्याग्रह के दौरान हीं इन्हें महात्मा(‘Mahatma’) की उपाधि दी थी।
  • महात्मा गांधी को सर्वप्रथम राष्ट्रपिता‘ (‘Father of the Nation’) सुभाषचंद्र बोस ने कहा था।
  • नोआखाली काल (Noakhali period) में प्यारे लाल महात्मा गांधी के सचिव थे। उनकी बहन डॉ. सुशीला नैयर गांधीजी की व्यक्तिगत चिकित्सक थीं। चार्ल्स एन्ड्रज (दीनबंधु एन्ड्रज) सेंट स्टीफेन कॉलेज, दिल्ली में प्राध्यापक थे।
  • चार्ल्स एन्ड्रज (charles andrews) (दीनबंधु एन्ड्रज) सेंट स्टीफेन कॉलेज, दिल्ली में प्राध्यापक थे।
  • एन्ड्रज वर्ष 1925 और 1927 में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन (All India Trade Union) के अध्यक्ष भी रहे।
  • गांधीजी ने वर्ष 1903 में जोहान्सबर्ग में अपनी लॉ फर्म स्थापित (law firm established) की थी जहां वे वर्ष 1910 तक रहे।
  • बिहार में हुआ चंपारन सत्याग्रह भारत में गांधीजी का प्रथम सत्याग्रह (Gandhiji’s first Satyagraha) था।
  • फरवरी, 1918 में इंद्र नारायण द्विवेदी, गौरीशंकर मिश्र और मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से यू.पी. किसान सभा (‘U.P. Kisan Sabha’) की स्थापना हुई।
  • वर्ष 1920 में बाबा रामचंद्र के प्रयासों से प्रतापगढ़ में अवध किसान सभा (‘Awadh Kisan Sabha’) का गठन हुआ।
  • सहजानंद सरस्वती (Sahajanand Saraswati) बिहार प्रांतीय किसान सभा के संस्थापक थे। – वर्ष 1936 में लखनऊ में अखिल भारतीय किसान कांग्रेस की स्थापना हुई, जिसका नाम बाद में बदलकर ‘अखिल भारतीय किसान सभा’ कर दिया गया, इसका अध्यक्ष स्वामी सहजानंद को तथा महासचिव एन. जी. रंगा को बनाया गया।
  • सितंबर, 1946 में बंगाल की प्रांतीय किसान सभाद्वारा तिमागा आंदोलन (Timaga movement by ‘Provincial Kisan Sabha’) प्रारंभ किया गया।
  • वी.पी. वाडिया के नेतृत्व में वर्ष 1918 में स्थापित मद्रास मजदूर संघ भारत का प्रथम आधुनिक मजदूर संघ संगठन (First modern trade union organization) था।
  • अहमदाबाद टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन (Ahmedabad Textile Labor Association) की स्थापना वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने की थी।
  • भारत में ट्रेड यूनियन कांग्रेस (Trade Union Congress) (अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस) की स्थापना एन. एम. जोशी द्वारा 31 अक्टूबर, 1920 को बंबई में की गई।
  • अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (All India Trade Union Congress) के प्रथम अध्यक्ष लाला लाजपत राय थे तथा उपाध्यक्ष जोसेफ बैपटिस्टा एवं महामंत्री दीवान चमनलाल बजाज थे।
  • अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (All India Trade Union Congress) का प्रथम विभाजन वर्ष 1929 में नागपुर अधिवेशन में हुआ। इस समय जवाहरलाल नेहरू इसके अध्यक्ष थे।
  • कम्युनिस्ट इंटरनेशनल की स्थापना (Establishment of the Communist International) मार्च, 1919 में ब्लादिमिर इल्यिच लेनिन और रूसी पार्टी (बोलशेविक) द्वारा की गई थी।
  • ट्रेड यूनियन आंदोलन (trade union movement) के क्रांतिकारी चरण का समय वर्ष 1925) 1939 तक माना जाता है।
  • वर्ष 1940 में रेडिकल डेमोक्रेटिक दल (Radical Democratic Party in the year 1940) की स्थापना (एम. एन.) राय ने की थी।
  • न्यायाधीश सिडनी रौलेट के सुझावों पर मार्च, 1919 में पारित विधेयक रौलेट एक्ट (roulette act) के नाम से जाना गया।
  • रौलेट अधिनियम के द्वारा अंग्रेजी सरकार जिसको चाहे ज तक चाहे, बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रख सकती थी, इसलिए इस कानून को बिना वकील, बिना अपील तथा बिना दलील का कानून (Law without lawyer, without appeal and without argument) कहा गया।
  • लॉर्ड चेम्सफोर्ड (Lord Chelmsford) (1916-1921) के कार्यकाल में वर्ष 1919 में रौलेट एक्ट पारित हुआ था।
  • 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग नरसंहार की हृदय- विदारक घटना के बाद रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) ने ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रदान की गई नाइट‘ (‘Knight’) की उपाधि लौटा दी।
  • जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में शंकरन नायर (Sankaran Nair) ने वायसराय की कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया था।
  • जनरल डायर (General Dyer) को उसके अपराध के लिए नौकरी से हटना पड़ा किंतु ब्रितानी अखबारों ने उसे ब्रिटिश साम्राज्य का रक्षक (‘Defender of the British Empire’) एवं ब्रितानी लॉर्ड सभा ने उसे ‘ब्रिटिश साम्राज्य का ‘शेर’ कहा।
  • सरकार ने जनरल डायर की सेवाओं के लिए उसे “मान की तलवार” (“Sword of Honor”) की उपाधि दी।
  • मार्च, 1940 में पंजाब के क्रांतिकारी नेता ऊधम सिंह (Udham Singh) ने जलियांवाला बाग के नरसंहार का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड के समय पंजाब के गवर्नर रहे सर माइकल ओ डायर (Michael O’ Dwyer) की लंदन में हत्या कर दी थी, जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर मृत्युदंड दे दिया गया।
  • जलियांवाला बाग नरसंहार (13 अप्रैल, 1919) पर कांग्रेस जांच समिति की रिपोर्ट के प्रारूप (Format of Congress Inquiry Committee Report) को लिखने का कार्य महात्मा गांधी को सौंपा गया था।
  • जलियांवाला बाग नरसंहार को मांटेग्यू ने ‘निवारक हत्या (‘preventive killing’) की संज्ञा दी।
  • दीनबंधु सी. एफ. एन्ड्रज ने जलियांवाला बाग हत्याकांड को जान-बूझ कर की गई क्रूर हत्या (premeditated brutal murder) कहा था।
  • खिलाफत आंदोलन प्रारंभ (Khilafat movement started) करने का श्रेय मुख्यतः अली बंधुओं- शौकत अली एवं मुहम्मद अली को दिया जाता है।
  • दिल्ली में 23 नवंबर, 1919 को होने वाले खिलाफत कमेटी (Khilafat Committee) के सम्मेलन की अध्यक्षता महात्मा गांधी को प्रदान की गई। हकीम अजमल खां ने खिलाफत आंदोलन के दौरान हाज़िक- उल-मुल्क (Haziq-ul-Mulk) की पदवी त्याग दी थी।
  • मुहम्मद अली जिन्ना (muhammad ali jinnah) (जब वे राष्ट्रवादी थे) खिलाफत आंदोलन को देश की स्वतंत्रता के आंदोलन से जोड़ने के विरोधी थे।
  • सितंबर, 1919 में अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी (All India Khilafat Committee in September, 1919) का गठन किया गया था।
  • सितंबर, 1920 में कलकत्ता में संपन्न भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विशेष अधिवेशन में महात्मा गांधी ने असहयोग के प्रस्ताव (Mahatma Gandhi proposed non-cooperation) को प्रस्तावित किया था, जिसका सी. आर. दास ने विरोध किया था।
  • नागपुर अधिवेशन (दिसंबर, 1920) में असहयोग प्रस्ताव सी. आर. दास ने ही प्रस्तावित किया था।
  • गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन 1 अगस्त, 1920 (Non-cooperation Movement August 1, 1920) को प्रारंभ किया गया।
  • असहयोग आंदोलन (Non-Cooperation Movement) के दौरान ही मोतीलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, बल्लभ भाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू तथा राजेंद्र प्रसाद न्यायालय का बहिष्कार कर आंदोलन में कूद पड़े थे।
  • गांधीजी ने असहयोग आंदोलन शुरू होने के एक वर्ष के भीतर स्वराज (‘Swaraj within a year’) प्राप्त करने का नारा दिया।
  • जिस समय गांधीजी भारत आए (1915), उस समय प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था। उन्होंने सरकार के युद्ध प्रयासों में मदद की, जिसके लिए सरकार ने उन्हें कैसर-ए-हिंद (‘Kaiser-e-Hind’) सम्मान से सम्मानित किया, जिसे उन्होंने असहयोग आंदोलन में वापस कर दिया।
  • जमनालाल बजाज ने अपनी राय बहादुर (‘Rai Bahadur’) की उपाधि वापस कर दी।
  • चौरी-चौरा कांड (chauri chaura incident) की वास्तविक तिथि 4 फरवरी, 1922 है।
  • चौरी-चौरा कांड से क्षुब्ध होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस (withdrawal of non-cooperation movement) ले लिया।
  • 12 फरवरी, 1922 (February 12, 1922) को बारदोली में हुई कांग्रेस की बैठक में आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
  • असहयोग आंदोलन के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर ने विदेशी वस्त्रों को जलाए जाने को अविवेकी या निष्ठुर बर्बादी (‘Irrational or ruthless waste’) कहा था।
  • असहयोग आंदोलन (1920-22 ) (Non-cooperation movement (1920-22) के दौरान काशी विद्यापीठ बनारस में वर्ष 1921 में गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद में वर्ष 1920 में तथा जामिया मिलिया इस्लामिया अलीगढ़ में वर्ष 1920 में, जो बाद में दिल्ली ले जाया गया, स्थापित हुए।
  • सी.आर. दास (इस दौरान वे कांग्रेस के अध्यक्ष थे) ने कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र दे दिया और जनवरी, 1923 में मोतीलाल नेहरू के साथ मिलकर स्वराज पार्टीकी स्थापना (Establishment of ‘Swaraj Party’) की।
  • सी.आर. दास स्वराज पार्टी के अध्यक्ष तथा मोतीलाल नेहरू इसके महासचिव थे।
  • वर्ष 1925 में विट्ठलभाई पटेल का सेंट्रल लेजिस्लेटिव (Central Legislative) (केंद्रीय विधानमंडल) असेम्बली का अध्यक्ष चुना जाना स्वराजियों की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।
  • चितरंजन दास को देशबंधु (‘countryman’) के नाम से जाना जाता था।
  • चितरंजन दास (Chittaranjan Das) इंग्लैंड से वकालत की पढ़ाई करने के बाद स्वदेश आकर बैरिस्टर हो गए तथा वकील के रूप में इनकी सबसे बड़ी सफलता अलीपुर बमकांड केस में अरविंद घोष का बचाव करना था।
  • चितरंजन दास ने कहा था-“स्वराज आम जनता के लिए होना चाहिए केवल वर्गों के लिए नहीं।”(“Swaraj should be for the general public and not just for the classes.”)
  • 16 दिसंबर, 1922 को इंडिपेंडेंट पार्टी (independent party) बनाने का निर्णय मदन मोहन मालवीय तथा मोतीलाल नेहरू ने लिया था।
  • जॉन साइमन की अध्यक्षता में गठित साइमन आयोग (simon commission) में कुल 7 सदस्य थे।
  • चूंकि इसमें सभी सदस्य अंग्रेज थे तथा कोई भी भारतीय इसका सदस्य नहीं था, इसलिए भारतीयों ने इसे श्वेत कमीशन‘(‘White Commission’) कहकर इसका बहिष्कार एवं विरोध किया।
  • साइमन कमीशन (simon commission) के अध्यक्ष सर जॉन साइमन उदारवादी दल Liberal Party) के सदस्य थे, जबकि भारत की स्वतंत्रता (1947) के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली इस कमीशन वं श्रमिक दल (Labour Party) के सदस्य के रूप में शामिल थे।
  • लाहौर में साइमन कमीशन विरोधी जुलूस (Anti-Simon Commission march in Lahore) का नेतृत्व करते नमय पुलिस के लाठी चार्ज में लाला लाजपत राय गंभीर रूप से घायल हो गए।
  • साइमन कमीशन (1927) के प्रत्युत्तर में नेहरू रिपोर्ट (nehru report) (1928) कर की गई थी।
  • नेहरू रिपोर्ट (1928) में भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता के स्थान डोमिनियन स्टेट्स (अधिराज्य का दर्जा) की बात ही कही (There was talk of Dominion States instead of complete independence.) गई थी।
  • वर्ष 1928 में इंडिपेंडेंस फॉर इंडिया लीग (‘Independence for India League’ in 1928) का गठन जवाहरलाल नेहरू तथा सुभाषचंद्र बोस ने मिलकर किया था।
  • वर्ष 1921 में कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन (Ahmedabad session of Congress in the year 1921) के अध्यक्ष सी.आर. दास चुने गए थे, किंतु उनके जेल में होने के कारण हकीम अजमल खां ने इस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा 2 जनवरी, 1930 की अपनी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी, 1930 का दिन ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा तथा 26 जनवरी को प्रत्येक वर्ष ‘पूर्ण स्वाधीनता दिवस’ के रूप में।
  • महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को अपना प्रसिद्ध दांडी मार्च (‘Dandi March’) शुरू किया।
  • महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने साबरमती आश्रम (अहमदाबाद) से 78 चुने हुए साथियों के साथ सत्याग्रह के लिए कूच किया।
  • 24 दिनों की लंबी यात्रा के बाद गांधीजी ने 6 अप्रैल, 1930 को दांडी में सांकेतिक रूप से नमक कानून भंग किया और इस प्रकार नमक कानून तोड़कर उन्होंने औपचारिक रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन का शुभारंभ (Launch of civil disobedience movement) किया।
  • सुभाषचंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) ने गांधीजी के दांडी मार्च की तुलना नेपोलियन के एल्बा से पेरिस मार्च से की थी।
  • तमिलनाडु में गांधीवादी नेता सी. राजगोपालाचारी (C. Rajagopalachari) ने त्रिचनापल्ली सेवेदारण्यम तक की नमक यात्रा की।
  • सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil disobedience movement) के दौरान धरसना नमक गोदाम पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के धावे से पूर्व महात्मा गांधी को 5 मई, 1930 को गिरफ्तार कर यरवदा जेल भेज दिया गया था।
  • उनके स्थान पर अब्बास तैयबजी (Abbas Tyabji) आंदोलन के नेता हुए।
  • अब्बास तैयबजी की भी गिरफ्तारी के बाद श्रीमती सरोजिनी नायडू (Smt. Sarojini Naidu) ने 21 मई, 1930 को धरसना नमक गोदाम पर धावे का नेतृत्व किया था।
  • इस लोमहर्षक घटना का विवरण अमेरिकी पत्रकार वेब मिलर (webb miller) प्रस्तुत किया है।
  • उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रांत में खान अब्दुल गफ्फार खां के नेतृत्व में खुदाई खिदमतगार (‘Khudai Khidmatgar’) नामक स्वयंसेवक संगठन स्थापितकिया गया था, इन्हें ‘लाल कुर्ती’ (Red Shirt) के नाम से भी जाना जाता है।
  • सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil disobedience movement) के दौरान पेशावर में गढ़वाल रेजीमेंट के सिपाहियों ने चंद्रसिंह गढ़वाली के नेतृत्व में निहत्थी भीड़ पर गोली चलाने से इनकार कर दिया था।
  • सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान मणिपुर की जनजातियों ने भी सक्रिय भागीदारी दिखाई यहां पर आंदोलन का नेतृत्व हैपो जदोनांग तथा उनके पश्चात नगा जनजाति की महिला गैडिनल्यू (Gadinliu, woman of Naga tribe) ने किया।
  • इसे जियातरंग आंदोलन (‘Jiyatarang Movement’) कहा जाता है।
  • अक्टूबर, 1934 में गांधीजी ने अपना पूरा समय हरिजनोत्थान (‘Harijanotthan’) में लगाने के लिए सक्रिय राजनीति से स्वयं को हटाने का निश्चय किया।
  • सितंबर, 1932 में गांधीजी ने हरिजन कल्याण हेतु “अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग” (“All India Anti-Untouchability League”) की स्थापना की तथा ‘हरिजन’ नामक साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन किया।
  • गांधी-इर्विन समझौते के परिप्रेक्ष्य में सरोजिनी नायडू ने गांधी और इर्विन को दो महात्मा‘ (The Two Mahatmas ) की संज्ञा दी थी।
  • गांधी-इर्विन समझौता (Gandhi-Irwin Pact) 5 मार्च, 1931 को संपन्न हुआ। इर्विन के जीवनीकार, एलन कैम्पबेल जॉनसन ने गांधी- इर्विन समझौते में महात्मा गांधी के लाभों को ‘सांत्वना पुरस्कार’ (Consolation Prizes) कहा था।
  • 10 जून तथा 24 जून, 1930 (June 10 and June 24, 1930) को साइमन कमीशन की रिपोर्ट प्रकाशित हुई।
  • राजनीतिक संगठनों ने कमीशन की सिफारिशों को अस्वीकार (reject the commission’s recommendations) कर दिया।
  • नवंबर, 1930 में लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन (first round table conference) बुलाया गया। इस सम्मेलन में 89 भारतीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया, किंतु कांग्रेस ने इसमें भाग नहीं लिया।
  • प्रथम गोलमेज सम्मेलन (first round table conference) में एंग्लो-इंडियन का प्रतिनिधित्व के. टी. पाल ने किया था।
  • गोलमेज सम्मेलन का उद्घाटन ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने किया तथा इसकी अध्यक्षता ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने की थी।
  • 7 सितंबर, 1931 से 1 दिसंबर, 1931 (September 7, 1931 to December 1, 1931) तक चले द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (Second Round Table Conference) में महात्मा गांधी ने कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लिया, इनके अलावा सरोजिनी नायडू तथा मदन मोहन मालवीय ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया।
  • गांधीजी एस. एस. राजपूताना (‘S. S. Rajputana’) नामक जलपोत से लंदन पहुंचे तथा वे लंदन के ‘किंग्सले हॉल’ में ठहरे थे ।
  • डॉ. भीमराव अम्बेडकर (बी. आर. अम्बेडकर) तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लेने वाले भारतीय (Indians participating in all three round table conferences) थे।
  • लंदन में तीसरा गोलमेज सम्मेलन 17 नवंबर, 1932 से 24 दिसंबर, 1932 तक चला, (The Third Round Table Conference was held from 17 November 1932 to 24 December 1932.) कांग्रेस ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया।
  • गांधी इर्विन समझौते (Gandhi Irwin Pact) (दिल्ली समझौते ) को मंजूरी देने के लिए – सरदार वल्लभभाई पटेल की अध्यक्षता में 26-31 मार्च, 1931 को कांग्रेस का कराची अधिवेशन हुआ।
  • कराची अधिवेशन (Karachi session) में पहली बार कांग्रेस ने मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों से संबद्ध प्रस्ताव पारित किए।
  • कराची अधिवेशन (Karachi session) की अध्यक्षता वल्लभभाई पटेल ने की थी। कराची अधिवेशन में कुछ लोगों के विरोध करने पर गांधीजी ने कहा था ” गांधी मर सकता है, गांधीवाद नहीं।’
  • कराची अधिवेशन की अध्यक्षता वल्लभभाई पटेल ने की थी। कराची अधिवेशन में कुछ लोगों के विरोध करने पर गांधीजी ने कहा था ” गांधी मर सकता है, गांधीवाद नहीं। “(“Gandhi may die, Gandhism does not.)
  • यह पहला अवसर था जब पूर्ण स्वराज्य (‘Purna Swaraj’) को कांग्रेस द्वारा परिभाषित किया गया।
  • वर्ष 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन (Karachi session) में पारित मूल अधिकारों तथा आर्थिक कार्यक्रम पर संकल्प पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रारूपित किया था तथा एम. एन राय ने इसमें सहयोगी की भूमिका निभाई थी।
  • सुभाषचंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन (1931) को महात्मा गांधी की लोकप्रियता और सम्मान की पराकाष्ठा‘ (‘The culmination of popularity and respect of Mahatma Gandhi’) माना है।
  • 16 अगस्त, 1932 को रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने अपने सांप्रदायिक अधिनिर्णय की घोषणा की, जिसे सांप्रदायिक पंचाट (कम्युनल अवॉर्ड) (Communal Award) कहा गया।
  • गांधीजी ने अपना पहला आमरण अनशन (Fast Unto Death) 20 सितंबर, 1932 को यरवदा जेल में रहते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड के ‘सांप्रदायिक निर्णय’ (Communal Award) के विरुद्ध प्रारंभ किया था।
  • 24 सितंबर, 1932 को पूना (Poona on September 24, 1932) समझौता हस्ताक्षरित हुआ। – दलित वर्ग की ओर से डॉ. अम्बेडकर ने तथा हिंदू जाति की ओर से पं. मदन मोहन मालवीय ने पूना समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  • सांप्रदायिक अवॉर्ड (Communal Award) में प्रांतीय विधानमंडलों में दलितों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या 71 थी, जिसे पूना पैक्ट में बढ़ाकर 148 (मद्रास – 30, सिंध सहित बंबई – 15, पंजाब – 8, बिहार और उड़ीसा -18, मध्य प्रांत- 20, असम-7, बंगाल 30 एवं संयुक्त प्रांत-20 ) कर दिया गया।
  • दलित वर्गों का संघ (Depressed Class League) की स्थापना बाबू जगजीवन राम ने की थी।
  • ऑल इंडिया शेड्यूल कॉस्ट फेडरेशन की स्थापना डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने वर्ष 1942 में की थी तथा ऑल इंडिया डिप्रेस्ड क्लासेज एसोसिएशन की स्थापना वर्ष 1926 में एम.सी. राजा (Rajah) की अध्यक्षता में हुई थी।
  • 14 अगस्त, 1931 को बंबई में महात्मा गांधी से वार्ता के दौरान डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने कहा था। ” इतिहास बताता है कि महात्मा गांधी क्षणिक भूत की भांति धूल उठाते हैं, लेकिन स्तर नहीं उठाते। “
  • जयप्रकाश नारायण को लोकनायक (‘folk hero’) के नाम से भी जान जाता है।
  • वर्ष 1935 के भारत सरकार अधिनियम (Government of India Act of 1935) के आधार पर फरवरी 1937 में प्रांतीय विधानमंडलों के चुनाव हुए जिनमें कांग्रेस अपनी प्रतिद्वंद्वी दलों का सफाया करते हुए पांच प्रांतो- मद्रास बिहार, मध्य प्रांत, संयुक्त प्रांत तथा उड़ीसा में पूर्ण बहुमत प्राप्त किया।
  • वर्ष 1935 के अधिनियम के उपरांत, वर्ष 1937 में हुए चुनावों गठित कांग्रेस मंत्रिमंडलों का कार्यकाल 28 माह (Tenure of Congress cabinets is 28 months) था।
  • कांग्रेसी मंत्रिमंडलों के त्यागपत्र देने की खुशी में जिन्ना द्वार भारत के सभी मुसलमानों से 22 दिसंबर (दिन-शुक्रवार 1939 के दिन मुक्ति दिवस (Day of Deliverance) मनाने क आह्वान किया था।
  • वर्ष 1938 के कांग्रेस के हरिपुरा (गुजरात) (Haripura (Gujarat)) अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस कांग्रेस के पहली बार अध्यक्ष (निर्विरोध) बने थे।
  • वर्ष 1939 के त्रिपुरी (म.प्र.) अधिवेशन में वे गांधीजी (Gandhiji in the session) द्वार समर्थित पट्टाभि सीतारमैया को पराजित कर सुभाष चंद्र बोस कांग्रेस के दूसरी बार अध्यक्ष बने, परंतु कार्यकारिणी के गठन के प्रश्न पर गांधीजी से मतभेद के कारण उन्होंने त्यागपत्र दे दिया जिसके बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
  • वर्ष 1939 में त्रिपुरी संकट (Tripuri crisis in the year 1939) के बाद कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र के पश्चात सुभाष चंद्र बोस ने ‘फारवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना की।
  • भारतीय संघ में अधिकांश रजवाड़ों का विलय वर्ष 1947 में (Merger of princely states in the year 1947) हुआ। 15 अगस्त, 1947 तक सिवाय जूनागढ़, जम्मू एवं कश्मीर तथा हैदराबाद (Junagadh, Jammu and Kashmir and Hyderabad) को छोड़कर सभी रजवाड़े भारत में शामिल हो गए तथा वर्ष 1948 के अंत तक इन तीनों रियासतों को भी इसके लिए बाध्य होना पड़ा।
  • 26 अक्टूबर, 1947 को कश्मीर के महाराजा हरि सिंह (Maharaja Hari Singh) ने भारत में विलय के लिए हस्ताक्षर पत्र प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपे।
  • जवाहरलाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को प्रधानमंत्री (Sheikh Abdullah as Prime Minister) नियुक्त करवाया तथा भारतीय सेना ने 27 अक्टूबर, 1947 से पाकिस्तान के कबाइली आक्रांताओं को भगाना आरंभ किया।
  • यथावत (Stand-Still) समझौता 29 नवंबर, 1947 (Stand-Still Agreement November 29, 1947) को हैदराबाद रियासत एवं डोमिनियन ऑफ इंडिया के मध्य हस्ताक्षरित हुआ था।
  • लॉर्ड लिनलिथगो (lord linlithgow) ने 17 अक्टूबर, 1939 को भारत को जर्मनी के (विरुद्ध युद्धग्रस्त घोषित कर दिया।
  • द्वतीय विश्व युद्ध 1 सितंबर, 1939 (World War II September 1, 1939) को जर्मनी के पोलैंड पर आक्रमण के साथ प्रारंभ हुआ था, जो कि छः वर्षों बाद जापान ” हिरोशिमा एवं नागासाकी पर अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराए जाने के बाद अगस्त, 1945 में समाप्त हुआ।
  • विंस्टन चर्चिल द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945 )( Winston Churchill World War II (1939–1945)) के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे।
  • कम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक छात्र चौधरी रहमत अली ने वर्ष 1933 में पाकिस्तान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग नाउ और नेवर; रवी टू लिव और पेरिश फॉरेवर ?” (The first use of the word Pakistan was ‘Now and Never; Ravi to Live and Perish Forever?”) नाम से वितरित अपने म्फलेट में किया था।
  • व्यक्तिगत सत्याग्रह (individual satyagraha) की शुरुआत 17 अक्टूबर, 1940 को हुई । विनोबा भावे प्रथम सत्याग्रही थे तथा पं. जवाहरलाल नेहरू दूसरे।
  • ‘सर्वोदय’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम महात्मा गांधी ने किया था। विनोबा भावे द्वारा गांधीजी के आदर्शों के प्रचार के लिए सर्वोदय समाज (‘Sarvodaya Samaj’) की स्थापना की गई थी।
  • महात्मा गांधी ने क्रिप्स मिशन प्रस्ताव को उत्तर तिथीय चेक‘ (Post-Dated Cheque) की संज्ञा दी।
  • क्रिप्स मिशन (Cripps Mission) के साथ कांग्रेस के आधिकारिक वार्ताकार पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं मौलाना आजाद थे।