Indian History: भारतीय इतिहास

सिंधु घाटी की सभ्यता:
सिंधु घाटी सभ्यता भारतीय इतिहास की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इसे 3300 से 1300 BCE के बीच मोहनजोदड़ो और हड़प्पा संस्कृति के उत्थान के लिए जाना जाता है। यह सभ्यता सूरसरिता और गंगा नदी के किनारे विकसित हुई थी और समृद्धि और उच्च स्थानीय उत्पादन के लिए प्रसिद्ध थी।

  • यह सभ्यता विशेष रूप से आधुनिक पाकिस्तान और भारत के क्षेत्रों में स्थित थी।
  • सभ्यता के स्थलों में विशाल नगर, सामाजिक संरचनाएं, बाजार, सार्वजनिक स्नान स्थल, ग्रामीण क्षेत्र आदि शामिल थे।
  • यहां पाए गए सिंधु घाटी के लोगों के साथ-साथ सर्वोत्तम जल, स्वच्छता, तकनीकी और सामाजिक उपकरणों की प्रगति भी दिखाई गई थी।

वैदिक संस्कृति:
वैदिक संस्कृति का समय वेदों के अध्ययन और संस्कृति के विकास का है। यह अवसान 1500 BCE और 500 BCE के बीच माना जाता है। इस समय में वेदों की रचना हुई और धर्म, यज्ञ, और तपस्या की महत्ता को मान्यता मिली। इस समय के बारे में अध्ययन से हमें वैदिक संस्कृति के प्राचीन संस्कृतिक और धार्मिक परिप्रेक्ष्य का अनुभव होता है।

बिना बारीकी से बताये, मैं कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी प्रदान कर रहा हूँ:

  • वैदिक संस्कृति का उदय वेदों के समय से हुआ। इसमें दान-यज्ञ, तप, ध्यान, शिक्षा, विद्या आदि के महत्त्वपूर्ण तत्व शामिल थे।
  • वेदों में धर्म, सामाजिक व्यवस्था, राजनीति, विज्ञान, और विविध विचार उपस्थित थे।
  • वैदिक संस्कृति ने भारतीय सभ्यता के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया और आधुनिक भारतीय संस्कृति के निर्माण में बहुत योगदान किया।

गौतम बुद्ध का जीवन:

  • गौतम बुद्ध का जन्म साकेत (नेपाल) में सिद्धार्थ नाम से हुआ था, जो कुशिनागर में निर्वाण प्राप्त कर गौतम बुद्ध बने।
  • उनके पिता शुद्धोधन राजा थे। उनके जन्म के बाद, उन्हें संयम, ध्यान, और धर्म की खोज में जाने की इच्छा हुई।
  • उन्होंने संसार की जटिलताओं को समझने के लिए अपनी वास्तविकता से दूर रहने का निर्णय लिया और तपस्या और ध्यान में समय व्यतीत किया।
  • उनका विद्वान, विचारशील, और संज्ञानशील दृष्टिकोण था। उन्होंने दुख की समस्या पर विचार किया और अन्ततः उन्होंने मोक्ष की प्राप्ति के लिए अष्टांगिक मार्ग (अष्टांगिक मार्ग या आठ कारणों का मार्ग) की घोषणा की।

बौद्ध धर्म की शिक्षाएं:

  • गौतम बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं में मानवता, करुणा, और शांति की महत्ता को बताया।
  • उनकी मुख्य शिक्षाएं प्रत्याशा की, असंख्य संतोष की, ध्यान का महत्त्व बताया गया।
  • उन्होंने अहिंसा के माध्यम से समाज को एक मानवीय समाज बनाने का संदेश दिया।
  • उन्होंने चार मूख्य सत्यों को बताया – दुःख, दुःख की वजह, दुःख का निवारण, और दुःख के निवारण का मार्ग।

गौतम बुद्ध की शिक्षाएं आज भी समाज को मार्गदर्शन देती हैं और उनके उपदेशों का महत्त्व भविष्य के लिए भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

महावीर का जीवन:

  • महावीर 6th शताब्दी BCE में जन्मे थे। वे जैन धर्म के प्रमुख संस्थापक माने जाते हैं।
  • उनके पिता सिद्धार्थ और माता त्रिशला राजा और रानी थे।
  • महावीर ने अपने जीवन में सामान्य मानव जीवन से प्रत्येक भोगों और संबंधों का त्याग किया और एक साधना जीवन जीने का निर्णय लिया।

महावीर की शिक्षाएं:

  • महावीर ने अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अनेकांतवाद के प्रति महान ध्यान दिया।
  • उन्होंने जीवन में करुणा, सदभावना, और मानवीयता को महत्त्वपूर्ण माना।
  • महावीर ने अपने उपदेशों के माध्यम से समझाया कि सभी जीव एक दूसरे के साथ सहज रूप से संबंधित हैं और सभी को सम्मान और प्रेम से प्रति करना चाहिए।

महावीर के उपदेशों का महत्त्व आज भी भविष्य के लिए उत्कृष्ट गुरुग्रंथों के रूप में है, जो जैन धर्मीयों के जीवन में मार्गदर्शन करते हैं।

सम्राट अशोक का जीवन:

  • अशोक 3rd सदी BCE में जन्मे थे। वे चंद्रगुप्त मौर्य के पोते थे।
  • अशोक के प्रारंभिक जीवन का मुख्य कार्यक्षेत्र सेना में था, जहां उन्होंने शांतिप्रिय और न्यायप्रिय चालचलन के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया।
  • उनका सम्राट बनने के बाद, उन्होंने स्थापित साम्राज्य का विस्तार किया और अपने साम्राज्य को न्यायपूर्ण और समृद्ध करने के लिए कई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की।

सम्राट अशोक के कार्य:

  • अशोक का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य था उनकी धर्माशा का परिवर्तन, जिसे “अशोकान मौर्य” कहा जाता है।
  • उन्होंने धर्म के नाम पर विविध सुधारों को किया और सभी धर्मों को सम्मानित किया।
  • उन्होंने अशोकान शिलालेखों के माध्यम से अपने सुधारों, धर्म और न्याय के संदेश को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया।
  • उनकी धर्माशा के बाद, अशोक शांति, त्याग, और अहिंसा के सन्देश के प्रचारक बने।

सम्राट अशोक के प्रेरणास्पद कार्यों ने भारतीय समाज में गहरा प्रभाव डाला और उनके समय के लोगों के लिए उनकी समाज सेवा और न्यायपूर्ण संदेश बहुत महत्त्वपूर्ण रहे।

समुद्र गुप्त (सन् 335–380 CE):

  • समुद्र गुप्त गुप्त वंश के पहले राजा थे। उन्होंने भारतीय इतिहास में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • उन्होंने अपने शासनकाल में विज्ञान, कला, संस्कृति और धर्म के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की।
  • समुद्र गुप्त को ‘लोकोत्तर स्वर्गदेव’ के नाम से भी जाना जाता है।

चंद्रगुप्त द्वितीय (सन् 380–413 CE):

  • चंद्रगुप्त द्वितीय समुद्र गुप्त के पोते थे और उन्होंने भी भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
  • उनके काल में भारतीय साहित्य, कला, विज्ञान, और व्यापार में विकास हुआ।
  • उन्होंने भारतीय संस्कृति के विस्तार का प्रयास किया और अपने शासनकाल में शांति और समृद्धि को बढ़ावा दिया।

गुप्त वंश ने भारतीय समाज के विकास और प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस वंश का काल भारतीय इतिहास में एक स्वर्णकाल के रूप में जाना जाता है।

हर्षवर्धन के शासनकाल में:

  • हर्षवर्धन वर्ष 606 में शाशक बने और उनके शासनकाल में भारत एकता और सामरिक संगठन में वृद्धि देखा।
  • उन्होंने कनौज के पास अपनी राजधानी स्थापित की थी।
  • हर्षवर्धन ने भारतीय साहित्य और कला के विकास को बढ़ावा दिया और विदेशों से भी संबंध स्थापित किए।
  • विदेशी यात्री वस्को द गामा ने उनके राज्य में भ्रमण किया था और उनकी प्रशांति और संस्कृति की सराहना की थी।

हर्षवर्धन की मृत्यु:

  • हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद, उनके बेटे राज्यवर्धन ने शासन संभाला और उनके शासनकाल में भी विकास का समय रहा।
  • हर्षवर्धन का शासन भारतीय इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण अध्याय रहा है जिसमें समाज, साहित्य, और संस्कृति के क्षेत्र में विकास और प्रगति हुई।

राजपूत समाज:

  • राजपूत शब्द ‘राजपुत्र’ से निकला है, जिसका अर्थ होता है ‘राजा के पुत्र’। ये राजा, महाराजा या नवाबों के सामंत या सेवक थे।
  • राजपूतों का समाज विभाजित था जो क्षत्रिय समुदाय से संबंधित था।

राजपूत साहस और शौर्य:

  • राजपूतों को उनकी वीरता, साहस, और धर्मप्रेम के लिए जाना जाता है। वे धर्म के प्रति निष्ठावान थे और अपने राज्यों की सुरक्षा के लिए बलिदान को तैयार रहते थे।
  • इनके बीच वीर गाथाओं, कविताओं और दास्तानों में उनकी वीरता की कहानियाँ सुनाई जाती हैं।

राजपूत शासन:

  • राजपूतों का शासन विभिन्न राज्यों में था, जैसे राजपूताना, मारवाड़, राजस्थान, गुजरात, बुंदेलखंड, उत्तर प्रदेश आदि।
  • इन्होंने अपने राज्यों को संघर्षों से बचाने और सुरक्षित रखने के लिए किए गए कठोर प्रयासों के बावजूद अपनी स्थापिति बनाए रखी।

राजपूत काल भारतीय इतिहास में वीरता, साहस और धर्मप्रेम के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इस समय के राजपूत योद्धाओं की धरोहर आज भी भारतीय समाज में महत्त्वपूर्ण है।

इस्लामी सल्तनतें: सल्तनत काल

  • इस काल में भारत में कई इस्लामी सल्तनतें शासन कर रही थीं, जैसे दिल्ली सल्तनत, खिलजी वंश, तुग़लक वंश, लोदी वंश आदि।
  • दिल्ली सल्तनत के समय में, कई बार भारत में अलग-अलग इस्लामी शासकों ने शासन किया।

सांस्कृतिक विकास:

  • इस काल में, भारतीय साहित्य, कला, और संस्कृति में मिश्रण और विकास हुआ।
  • इस्लामी सल्तनतों ने भारतीय समाज में अपने धर्म, संस्कृति, और व्यवस्था के साथ अपनी विशेषता लाई।

सामाजिक परिवर्तन:

  • इस काल में, भारतीय समाज में सामाजिक परिवर्तन भी देखा गया, जैसे की व्यापार और व्यवसाय में बदलाव, और विभिन्न समाजी वर्गों में संघर्ष।

राजनीतिक स्थिति:

  • इस काल में, भारतीय स्थानीय राजा, महाराजा और सल्तनतों के बीच संघर्ष भी देखा गया।
  • इस समय के सामाजिक और राजनीतिक घटनाक्रमों ने भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान रखा।

इस्लामी सल्तनत काल भारतीय इतिहास में एक संक्रांतिकारी अवधि रही, जो सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक रूप से भारतीय समाज को प्रभावित किया।

मुगल साम्राज्य: विशेषताएँ

  • शानदार संस्कृति: मुगल साम्राज्य ने भारतीय संस्कृति को बहुत प्रोत्साहित किया, जो कला, वास्तुकला, साहित्य, और संस्कृति में विकास की ओर ले जा रही थी।
  • राजनीतिक तंत्र: मुगल साम्राज्य ने विभिन्न शासकों के तंत्रों और व्यवस्थाओं को संगठित किया और भारत में एक मजबूत शासन प्रणाली स्थापित की।
  • धर्मीय सहिष्णुता: मुगल साम्राज्य में धर्मीय सहिष्णुता की भावना थी और सुल्तानों ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सहानुभूति का संदेश दिया।

मुगल साम्राज्य के सुल्तान:

  • अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब सबसे प्रसिद्ध सुल्तान थे जो इस साम्राज्य के शासक रहे और उनके शासनकाल में भारत का विकास हुआ।

मुगल साम्राज्य की विशेषताएँ:

  • मुगल साम्राज्य ने अपने अद्भुत वास्तुकला, बाग़बानी, और साहित्य से भारतीय संस्कृति को नवीनता का संदेश दिया।
  • उन्होंने भारतीय समाज में तकनीकी और सामाजिक उन्नति को बढ़ावा दिया और अपने शासनकाल में विभिन्न क्षेत्रों में विकास की दिशा में काम किया।

मुगल साम्राज्य भारतीय इतिहास के एक महत्त्वपूर्ण और समृद्ध अध्याय के रूप में जाना जाता है, जो सांस्कृतिक, राजनीतिक, और आर्थिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण रहा।

मराठा साम्राज्य: विशेषताएँ

  • शिवाजी और मराठा साम्राज्य की स्थापना: शिवाजी भोसले ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी और उन्होंने स्वराज्य का संकल्प लिया।
  • गुटबंधन और गेरिला युद्ध: मराठों ने गुटबंधन की रणनीति का प्रयोग किया और अपने सम्राटों और सेनापतियों द्वारा गेरिला युद्ध के माध्यम से लड़ा।
  • राणी लक्ष्मीबाई का साहस: राणी लक्ष्मीबाई, जो झांसी की रानी के रूप में जानी जाती है, ने अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ा और शहीद हो गई।
  • पूर्व और पश्चिम के विस्तार: मराठों ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अपना शासन प्रस्थापित किया, जैसे कि गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, आदि।

मराठा साम्राज्य के प्रमुख शासक:

  • शिवाजी, संभाजी, बाजीराव पेशवा, बाजीराव द्वितीय, बालाजी विश्वनाथ, नानासाहेब पेशवा, आदि।

मराठा साम्राज्य की विशेषताएँ:

  • मराठों ने अपने शासकीय प्रणाली, समाज, और संस्कृति में विकास की दिशा में काम किया।
  • इन्होंने साहसी योद्धाओं और तंत्रों के माध्यम से अपना साम्राज्य विस्तारित किया और भारतीय इतिहास में अपनी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मराठा साम्राज्य भारतीय इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण अध्याय था, जिसने भारतीय समाज में राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

ब्रिटिश राज का उदय भारतीय इतिहास में 18वीं और 19वीं सदी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के साथ शुरू हुआ। इसका आरंभ मुख्य रूप से इंग्लैंड के संसाधनों, व्यापार, और राजनीतिक दृष्टिकोण से हुआ था।

ब्रिटिश राज का उदय एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम:

  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी: इस कंपनी ने मुख्य रूप से भारत में व्यापार के लिए आने वाले ब्रिटिश के लिए एक आधिकारिक रूप से प्राधिकृत स्थान को स्थापित किया।
  • सम्राटों और साम्राज्यों की धीरे-धीरे हार: इस दौरान, भारतीय साम्राज्यों और सम्राटों की धीरे-धीरे हार शुरू हो गई थी और ब्रिटिश कंपनी का शासन पूरी तरह से स्थापित हो गया था।

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम:

  • स्वतंत्रता संग्राम भारतीय स्वतंत्रता के लिए एक महत्त्वपूर्ण चरण था, जिसमें भारतीय लोगों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध किया।
  • मंगल पंडेय, राजा राममोहन राय, वीर शिवाजी, और बहुत से अन्य योद्धा और विचारक ने इस संग्राम में भाग लिया।
  • संग्राम का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन को हटाना और भारत को स्वतंत्रता प्राप्त करना था।

ब्रिटिश राज का आरम्भ और स्वतंत्रता संग्राम ने भारतीय समाज को प्रभावित किया और स्वतंत्रता की चाहत को मजबूत किया।

ब्रिटिश राज का सामाजिक – आर्थिक प्रभाव:

1. शिक्षा और साहित्य: ब्रिटिश शासन के दौरान शिक्षा को अंग्रेजी में प्राथमिकता दी गई, जिससे ब्रिटिश शैक्षिक प्रणाली की प्रवृत्ति हुई। इससे अंग्रेजी भाषा का प्रचार हुआ और यह शिक्षा और काम के अवसरों में बदलाव लाया।

2. आर्थिक प्रणाली: ब्रिटिश शासन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्गठित किया। तरलता प्रणाली को प्रोत्साहित किया गया, जिससे भारतीय व्यापार और अर्थव्यवस्था में परिवर्तन आया।

3. समाजिक बदलाव: ब्रिटिश शासन ने समाज में विभाजन को बढ़ावा दिया। अंग्रेजों की उच्च और निम्न वर्गों में भेदभाव को बढ़ावा मिला और भारतीय समाज में सामाजिक परिवर्तन हुआ।

4. भूमि और राजनीति: ब्रिटिश राज ने भूमि के उपयोग और दारिद्रता को बढ़ावा दिया, और भूमि तथा संसाधनों के अनुसंधान में बदलाव लाया। इससे राजनीतिक तंत्र भी परिवर्तित हुआ और भारतीय व्यवस्था में बदलाव आया।

5. स्वाराज्य की चाह: ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता की चाह बढ़ी और ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम आरंभ हुआ।

ब्रिटिश शासन का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरा पड़ा, जिसने भारतीय समाज में बड़े परिवर्तनों की दिशा में प्रेरित किया।

UP Police Syllabus, 2024

SubjectTopic
सामान्य ज्ञान (General Knowledge)सामान्य विज्ञान
भारत का इतिहास
भारतीय संविधान
भारतीय अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति
भारतीय कृषि, वाणिज्य एवं व्यापार, जनसंख्या, पर्यावरण एवं नगरीकरण
भारत का भूगोल तथा विश्व भूगोल और प्राकृतिक संसाधन
उ०प्र० की शिक्षा संस्कृति और सामाजिक प्रथाओं के सम्बन्ध में विशिष्ट जानकारी
उ0प्र0 में राजस्व पुलिस व सामान्य प्रशासनिक व्यवस्था, मानवाधिकार आंतरिक सुरक्षा तथा आतंकवाद
भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच सम्बन्ध
राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के समसामयिक विषय
राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
विमुद्रीकरण और उसका प्रभाव, साइबर क्राइम, वस्तु एवं सेवाकर
पुरस्कार और सम्मान
देश / राजधानी / मुद्रायें, महत्वपूर्ण दिवस अनुसंधान एवं खोज
पुस्तक और उनके लेखक, सोशल मीडिया कम्युनिकेशन
सामान्य हिन्दी (General Hindi)हिन्दी और अन्य भारतीय भाषायें
हिन्दी व्याकरण का मौलिक ज्ञान
हिन्दी वर्णमाला, तद्भव तत्सम, पर्यायवाची, विलोम, अनेकार्थक वाक्यांशों के स्थान पर एक शब्द, समरूपी भिन्नार्थक शब्द, अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करना, लिंग,  वचन, कारक, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, काल, वाच्य, अव्यय, उपसर्ग, प्रत्यय, सन्धि, समास, विराम चिन्ह, मुहावरे एवं लोकोक्तियां, रस, छन्द, अलंकार आदि
अपठित बोध
प्रसिद्ध कवि
हिन्दी भाषा में पुरस्कार
विविध
संख्यात्मक एवं मानसिक योग्यता (Numerical and Mental Ability)
संख्यात्मक योग्यता (Numerical Ability)Number System संख्या पद्धति
Simplification- सरलीकरण
Decimals and Fraction दशमलव और भिन्न
Highest common factor and lowest common multiple महत्तम समापवर्तक और लघुत्तम समापवर्तक
Ratio and Proportion अनुपात और समानुपात
Percentage प्रतिशतता
Profit and Loss- लाभ और हानि
Discount छूट
Simple interest – साधारण ब्याज
Compound interest चक्रवृद्धि ब्याज
Partnership भागीदारी
Average औसत
Time and Work समय और कार्य
Time and Distance – समय और दूरी
Use of Tables and Graphs सारणी और ग्राफ का प्रयोग
Mensuration Arithmetical computations and other analytical functions-अंकगणितीय संगणना व अन्य विश्लेषणात्मक कार्य
Miscellaneous विविध
मानसिक योग्यता (Mental Ability)Logical Diagrams-तार्किक आरेख
Symbol-Relationship Interpretation संकेत-सम्बन्ध विश्लेषण
Perception Test प्रत्यक्ष ज्ञान बोध
Word formation Test- शब्द रचना परीक्षण
Letter and number series अक्षर और संख्या श्रृंखला
Word and alphabet Analogy शब्द और वर्णमाला में आंशिक समरूपता
Common Sense Test – व्यावहारिक ज्ञान परीक्षण
Direction sense Test – दिशा ज्ञान परीक्षण
Logical interpretation of data आंकड़ों का तार्किक विश्लेषण
Forcefulness of argument प्रभावी तर्क
Determining implied meanings अंतर्निहित भावों का विनिश्चय करना
मानसिक अभिरूचि, बुद्धिलब्धि एवं तार्किक क्षमता (Mental Aptitude, I.Q. and Reasoning Ability)
मानसिक अभिरूचि (Mental Aptitude)Public Interest: जनहित
Law and order: कानून एवं शांति व्यवस्था
Communal harmony: साम्प्रदायिक सद्भाव
Crime Control: अपराध नियंत्रण
Rule of law : विधि का शासन
Ability of Adaptability: अनुकूलन की क्षमता
Professional Information (Basic level): व्यावसायिक सूचना (बेसिक स्तर की)
Police Information System:  पुलिस सूचना प्रणाली (बेसिक)
Contemporary Police Issues & Law and order: समकालीन पुलिस मुद्दे एवं कानून व्यवस्था
Interest in Profession: व्यवसाय के प्रति रूचि
Mental toughness: मानसिक दृढ़ता
Sensitivity towards minorities and underprivileged: अल्पसंख्यकों एवं अल्प अधिकार वालों के प्रति संवेदनशीलता
Gender sensitivity: लैंगिक संवेदनशीलता
बुद्धिलब्धि (I. Q.)Relationship and Analogy Test: सम्बन्ध व आंशिक समानता परीक्षण
Spotting out the dissimilar: असमान को चिन्हित करना
Series Completion Test: श्रृंखला पूरी करने का परीक्षण
Coding and Decoding Test: संकेत लिपि और सांकेतिक लिपि को समझना
Direction Sense Test: दिशा ज्ञान परीक्षण
Blood Relation: रक्त सम्बन्ध
Problems based on alphabet: वर्णमाला पर आधारित प्रश्न
Time sequence Test: समय-क्रम परीक्षण
Venn Diagram and chart type test: वेन आरेख और चार्ट सदृश परीक्षण
Mathematical ability Test: गणितीय योग्यता परीक्षण
Arranging in order: क्रम में व्यवस्थित करना
तार्किक क्षमता (Reasoning Ability)Analogies – समरूपता
Similarities- समानता
Differences – भिन्नता
Space visualization – खाली स्थान भरना
Problem solving – समस्या को सुलझाना
Analysis judgement – विश्लेषण निर्णय
Decision- making-निर्णायक क्षमता
Visual memory – दृश्य स्मृति
Discrimination-विभेदन क्षमता
Observation – पर्यवेक्षण
Relationship सम्बन्ध, Concepts अवधारणा
Arithmetical reasoning अंकगणितीय तर्क
Verbal and figure classification- शब्द और आकृति वर्गीकरण
Arithmetical number series- अंकगणितीय संख्या श्रृंखला
Abilities to deal with abstract ideas and symbols and their relationships- विचारों व प्रतीकों तथा उनके सम्बन्धों से सामंजस्य की क्षमता